पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- "भगवान का हमारे साथ होना एक ऐसा विश्वास है , जो हमें कठिन पलों में जबरदस्त संबल देता है , सकारात्मकता से जोड़ता है , जीवन को आशा भरी नजरों से देखने और इन जटिल पलों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है l " --------- तपस्वी से राहगीर ने पूछा ---- " आप इस बियावान में अकेले रहते हैं , आपको भय नहीं लगता ? " तपस्वी ने उत्तर दिया -- " जो श्रेष्ठ विचारों से घिरें हैं , अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र हैं और ईश्वर के चिन्तन में निमग्न हैं , वे भला कब और कैसे एकाकी हो सकते हैं ? उनके साथ उनके प्रभु परमेश्वर सदा ही रहते हैं l "
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