21 May 2023

WISDOM -----

   एक  बार  एक  व्यक्ति  शंकराचार्य जी  से  मिलने  गया   और  बोला ---- " भगवान  ! मैं  अपने  क्रोध  से  बहुत  परेशान  हूँ  l  यह  कहीं  भी  आ  जाता  है  l  लाख  कोशिश  करूँ  छूटता  ही  नहीं  है  l  आप  इससे  छूटने  का  कोई  मार्ग  बताइए  ? "  शंकराचार्य  बोले  ---- " थोड़ी  देर  में  आना  , तब  उपाय  बता  सकूँगा  l  अभी  मेरे  हाथों  को   मेरे  कमण्डलु  ने  पकड़  रखा  है  l  यह  कमण्डलु  मेरा  हाथ  छोड़े   तो  मैं  कुछ  और  करूँ  ? "  वह  आदमी  आश्चर्य मिश्रित  स्वर  में  बोला --- " क्यों  मजाक  करते  हैं  भगवन  !  कमण्डलु  कैसे  आपको  पकड़ेगा  ?  आपने  ही  तो  इसे  पकड़  रखा  है  l  "  शंकराचार्य जी  बोले ---- "वत्स  ! ऐसे  ही  क्रोध  ने  तुमको  नहीं  पकड़ा  , तुमने  ही  इसे  पकड़  रखा  है  l  तुम  मालिक  हो  अपने  मन  के  , फिर  गुलाम  की  तरह  व्यवहार  क्यों  कर  रहे  हो  ? "  यह  सुनते  ही  उस  व्यक्ति  की  आँखें  खुल  गईं   और  उसकी  सोच  और  उसका  जीवन  सदा  के  लिए  बदल  गया  l 

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