1 July 2023

WISDOM ----

  लघु कथा ----गिरगिट , कछुए  और  गिलहरी  में  वार्तालाप  चल  रहा  था  l  अपनी  शेखी  बघारते  हुए  गिरगिट  बोला ---- "देखो  ! मैं  कितना  चतुर  हूँ  , जब  चाहे  अपना  रंग  बदल  लेता  हूँ   और  मेरी  असलियत  कोई  नहीं  जान  पाता  l "  कछुआ  कहाँ  पीछे  रहने  वाला  था  ,  वो  कहने  लगा ---- " " अरे  मित्रों  !  मेरी  जैसी  विशेषता  तो  किसी  में  भी  नहीं  है  l  बाहर  नगाड़े  पिटते  रहें  , पर  एक  बार  मैं  अपने   खोल  में   समा  जाता  हूँ  तो  मैं  अलग  और  जमाना  अलग  l  "  गिलहरी  बोली ---- " भाइयों  !  मैं  तुम  दोनों  की  तरह  स्वार्थी  और  अवसरवादी   तो  नहीं  कि  अपने  को   दुनिया  से  अलग  मानने   और  मौका  देखकर  रंग  बदलने  को   कोई  गुण  मानूँ  l   मुझे  इतना  पता  है   कि  ऊँचे  उदेश्य  के  लिए   कार्य  करने  वाली   मेरी  ही  जैसी   गिलहरी  की  पीठ  पर   भगवान  के  हाथ  पड़े  थे  l  मेरी  पीठ  पर  जो  तीन  रेखाएं  तुम  देख  रहे  हो  ,  वह  उन्हीं  सत्कार्यों  के  लिए  ईश्वर  का  वरदान  है  , जो  पीढ़ी -दर -पीढ़ी  हमारे  साथ  चला  आ  रहा  है  l  "  गिरगिट  और  कछुए  के  सिर  यह  सुनकर  शरम  से  झुक  गए  l 

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