संत रज्जब सदा परवरदिगार की प्रार्थना में निमग्न रहते थे और जो भी उनके संपर्क में आता , उसे भी अच्छे पथ पर चलने की प्रेरणा देते l उनके गाँव में जुबेर नामक एक व्यक्ति रहता था , उसे जुआ खेलने , शराब पीने और लोगों को निरर्थक परेशान करने की आदत थी l एक दिन ज्यादा शराब पीकर वह नाली में गिर पड़ा l उसकी गन्दी आदतों के कारण कोई उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आया l ऐसे में संत रज्जब उधर से निकले l उन्होंने उसे उठाया , उसका मुंह धुलाया और उसके होश में आने तक उसकी देखभाल की l उसके होश में आने पर वे उससे बोले --- " नौजवान जिस मुँह से परवरदिगार को बुलाते हैं , उसे शराब पीकर कुत्सित करना किसी गुनाह से कम नहीं है l " संत रज्जब की कही यह बात जुबेर के दिल में बैठ गई और वह सदा के लिए नेक इनसान बन गया l
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