3 October 2023

WISDOM ----

   कहते  हैं  जो  कुछ  महाभारत  में  है  , वही  इस  पृथ्वी  पर  है  l   यदि  हम  थोड़ा  भी  ध्यान  से  देखें  तो   हमें  दुर्योधन , दु:शासन , शकुनि , धृतराष्ट्र , गुरु  आदि  सब  विभिन्न  परिवारों  में , संस्थाओं  में   और  सम्पूर्ण  संसार  में  देखने  को  मिल  जाएंगे  l  सत्य  यह  है  कि   महाभारत  वास्तव  में  सबके  भीतर  है  , काम , क्रोध , लोभ , मोह , छल , कपट , षड्यंत्र   जैसी  दुष्प्रवृत्तियां  मनुष्य  के  भीतर  हैं   और  जब  ये  दुष्प्रवृत्तियां   कलियुग  के  प्रभाव  से  विकराल  रूप  ले  लेती  हैं  तब  उसी  के  दुष्परिणाम  घरेलू  हिंसा ,  संस्थाओं  में  उत्पीड़न ,  सामाजिक  अपराध  आदि  विभिन्न  रूपों  में  दिखाई  देते  हैं  l   गीता  में  कहा  गया  है --अशांत  व्यक्ति  को  सुख  नहीं  है  l   जिनके  मन  अशांत  हैं  वे  ही  सब  तरफ  अशांति  फैलाते  हैं  l  महाभारत  से  एक   तथ्य  यह  भी  स्पष्ट  है  कि  परिवारों  में  होने   वाली  कलह , छल , कपट , षड्यंत्र   ही   एक  महाभारत   का  रूप  ले  लेते  हैं  l   उस  युग  में  ये  बुराइयाँ  राज परिवार  और  सीमित  क्षेत्र  में  थीं  लेकिन  अब  ये  जन -जन  में  व्याप्त  हैं   इसलिए  संसार  में  इतनी  अशांति  और  तनाव  है  l  कहते  हैं  जो  असुर  हैं  , वे  अपना  स्वभाव  नहीं  बदलते ,  वे   अपनी   दुष्प्रवृतियों  के  साथ   बंध  जाते  हैं  , उनसे  मुक्त  नहीं  हो  पाते  l  हजारों , लाखों  में  कोई  एक  होता  है   जो  बुराई   को  त्यागकर  , अच्छाई  के  मार्ग  पर  चले  l  इसलिए   ऋषियों  का  कहना  है  कि  ऐसे  आसुरी  प्रवृत्ति  के  लोगों  से  मानसिक  दूरी  बना  लेना  चाहिए  l   उनसे  कभी  कोई  उम्मीद  ही  न  रखें  ,  उनके  कैसे  भी  व्यवहार  पर  कोई  प्रतिक्रिया  न  दें  , उनकी  ओर  आँख  उठाकर  भी  न  देखें  l  अपना  कर्तव्यपालन  करते  हुए  ईश्वर  विश्वास  के  साथ  अपने  पथ  पर  आगे  बढ़ें ,  ईश्वर  ने  जो  दिया  है  उसमें  संतोष  रखें   और  ईश्वरीय  न्याय  में  विश्वास  रखें  l  यही  है  सुख -शांति  से  तनाव रहित  जीवन  जीने  का   सरल  तरीका   l 

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