25 March 2024

WISDOM ----

 संसार  में    जिनके  पास  धन -वैभव , शक्ति , साधन  सब  कुछ  है  , उन्हें  इस  बात  का  अहंकार  होता  है  कि  वे  इस  भौतिक  संपदा  से  सब  कुछ  खरीद  सकते  हैं  l  भौतिक  संपदा  के  साथ  बुराइयाँ  तो  बिना  ख़रीदे  ही  खिंची  चली  आती  है    लेकिन यदि  सद्गुण  चाहिए  तो  उनके  लिए  कठिन  साधना  करनी  पड़ती  है  l  जैसे  सत्य  बोलना , दया , करुणा ,  ईमानदारी , कर्तव्यपालन , सब  में  एक  ही  परमात्मा  को  देखना ---आदि  अनेक   सद्गुणों  को  अपने  व्यवहार  में  लाना   हर  किसी  के  लिए  संभव  नहीं  है  l  जो  ऐसे  सद्गुणी  होते  हैं , ईश्वर  के  बताए  मार्ग  पर  चलते  हैं  उन्हें  ही  ईश्वर  ' सद्बुद्धि  का , विवेक का '  वरदान  देते  हैं  l'  विवेक  बुद्धि   '  होने  पर  ही  जीवन  में  सही  निर्णय  लेना  संभव  होता  है   l  ----------------- सम्राट  बिंबसार   को  सत्य  का  स्वरुप  जानने  की  इच्छा  हुई  l  उन्होंने  भगवान  महावीर  से  कहा --- " भगवन  ! मैं  सत्य  को  जानना  चाहता  हूँ  l  उसको  प्राप्त  करना  चाहता  हूँ   और  उसे  प्राप्त  करने  के  लिए  मैं  किसी  भी  ऊँचाई  तक  पहुँचने  में  सक्षम  हूँ  l  "  सम्राट  की  बात  सुनकर  भगवान  महावीर  को  लगा  कि  दुनिया  को  जीतने  वाला  सम्राट   सत्य  को  भी  उसी  प्रकार  जीतने  का  इच्छुक   है  l  अहंकार  के  वशीभूत  होकर   वह  सत्य  को  भी  क्रय  करने  की  वस्तु  मान  बैठा  है   और  उसे  उसी  तरह   प्राप्त  करने  का  इच्छुक  है   l  उन्होंने  बिंबसार  को  समझाया --- " वत्स  ! सत्य  को  न  तो  ख़रीदा  जा  सकता  है   और  न  उसे  दान  या  भिक्षा  के  द्वारा  प्राप्त  किया  जा  सकता  है  l  सत्य  कोई  राज्य  भी  नहीं  है   जिस  पर  आक्रमण  कर  के  तुम  विजय  प्राप्त  कर   लो  l    सत्य  को  प्राप्त  करने  के  लिए   अहं  को  गलाना  पड़ता  है   और  अहंकार शून्य  होने  पर  ही  सत्य  का  बोध  होता  है  l  "  बिंबसार   को  अपनी  गलती  का  अनुभव  हो  गया  l  

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