एक गुलाब का फूल कह रहा था कि ईश्वर ने हमारे साथ अन्याय किया कि इतनी पतली और कंटीली बेल पर लगाया ,हमारा स्वरुप किसी चन्दन जैसे बड़े वृक्ष की शोभा बढ़ाने योग्य था ।दुर्भाग्य का रोना रोने वाले इस पुष्प के समीप उगे दूसरे पुष्प ने कहा -मूर्ख ,सोचने का तरीका बदल ।पतली कंटीली बेल पर उगने के कारण तुझे छोटा सा फूल होना चाहिए था ,पर तू कितना सौभाग्यशाली है कि तुच्छ स्थिति में होने पर भी इतना बड़ा सौभाग्य पा सका ।
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