एक अमीर बीमार पड़ा ।बहुतों का इलाज कराने पर भी अच्छा न हो पाया ।तब उससे किसी ने लुकमान के पास जाने को कहा ।वह वहां पहुंचा ।लुकमान ने नाड़ी परीक्षा की ,लक्षण पूछे और जेब से निकाल कर कुछ गोलियाँ दी और कहा ,"इन्हें अपने माथे के पसीने में गलाकर कुछ दिन खाना ,अच्छे हो जायेंगे ।रोग कुछ ही दिनों में अच्छा हो गया ।बदले में उन्हें बड़ा पुरस्कार और सम्मान मिला ।शिष्यों ने कहा -जो दवा आपने दी थी उसका रहस्य हमें भी बता दें ।लुकमान ने कहा -दवा तो उपलों की राख भर थी ।पर उसे माथे का पसीना निकालने में नित्य जो मेहनत करनी पड़ी चमत्कार उसका था ।परिश्रमी लोग या तो बीमार पड़ते ही नहीं या फिर जल्दी अच्छे हो जाते हैं ।
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