परिष्कृत, उत्कृष्ट और पवित्र व्यक्तित्व सद्बुद्धि की अनुकंपा पर ही बनते हैं | नर-पशु को देवता और महामानव बनाने की क्षमता सद्बुद्धि में है | हम प्रभु से प्रार्थना करें कि हमें सद्बुद्धि दें, हम सन्मार्ग पर चलें |
ईसा एक कहानी सुनाते थे-----" मुझे एक बार पांच गधों पर गठरियाँ लादे एक सौदागर मिला । मैंने उससे पूछा---" इतना सारा वजन लादे क्या ले जा रहे हो ? उसने कहा---" इसमें ऐसी चीजें हैं, जो इनसान को मेरा गुलाम बनाती हैं । बड़ी उपयोगी हैं । "
" तो फिर इनमे है क्या ? " सौदागर बोला----" पहले गधे पर अत्याचार लदा है-----इसके खरीदार हैं--------- सत्ताधारी
दूसरे गधे पर अहंकार लदा है, इसके खरीदार हैं----- सांसारिक लोग
तीसरे गधे पर है--ईर्ष्या----ज्ञानी-विद्वानों को ईर्ष्या पसंद है
चौथे गधे पर---- बेईमानी है यह व्यापारी वर्ग की पहली पसंद है
पांचवें गधे पर है----छल-कपट-----यह महिलाओं को ज्यादा ही पसंद है ।
सौदागर ने कहा--" मेरा नाम तो सुना ही होगा, --- मैं शैतान हूँ , सारी मानव जाति भगवान की नहीं, मेरी प्रतीक्षा करती है । इसलिये कि मेरे व्यापार में लाभ ही लाभ है । " यह कहकर वह सौदागर चला गया ।
ईसा कहते हैं कि मैंने प्रभु से प्रार्थना की है कि हे भगवान ! मानव जाति को सद्विवेक प्रदान करो, ताकि वह शैतान के चंगुल से छुटकारा पा सके । उन्हें एहसास तो हो कि वे क्या खरीदते रहते हैं और उन्हें चाहिये क्या ?
ईसा एक कहानी सुनाते थे-----" मुझे एक बार पांच गधों पर गठरियाँ लादे एक सौदागर मिला । मैंने उससे पूछा---" इतना सारा वजन लादे क्या ले जा रहे हो ? उसने कहा---" इसमें ऐसी चीजें हैं, जो इनसान को मेरा गुलाम बनाती हैं । बड़ी उपयोगी हैं । "
" तो फिर इनमे है क्या ? " सौदागर बोला----" पहले गधे पर अत्याचार लदा है-----इसके खरीदार हैं--------- सत्ताधारी
दूसरे गधे पर अहंकार लदा है, इसके खरीदार हैं----- सांसारिक लोग
तीसरे गधे पर है--ईर्ष्या----ज्ञानी-विद्वानों को ईर्ष्या पसंद है
चौथे गधे पर---- बेईमानी है यह व्यापारी वर्ग की पहली पसंद है
पांचवें गधे पर है----छल-कपट-----यह महिलाओं को ज्यादा ही पसंद है ।
सौदागर ने कहा--" मेरा नाम तो सुना ही होगा, --- मैं शैतान हूँ , सारी मानव जाति भगवान की नहीं, मेरी प्रतीक्षा करती है । इसलिये कि मेरे व्यापार में लाभ ही लाभ है । " यह कहकर वह सौदागर चला गया ।
ईसा कहते हैं कि मैंने प्रभु से प्रार्थना की है कि हे भगवान ! मानव जाति को सद्विवेक प्रदान करो, ताकि वह शैतान के चंगुल से छुटकारा पा सके । उन्हें एहसास तो हो कि वे क्या खरीदते रहते हैं और उन्हें चाहिये क्या ?
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