आत्मा का संदेश और ईश्वर का प्रकाश परिष्कृत निर्मल मन पर ही उतरता है ।
विकसित व्यक्तित्वों और प्रखर प्रतिभा परिष्कृत मन के विकास की व्यक्तिगत जीवन में दीख पड़ने वाली झाँकी मात्र है । त्याग, बलिदान, सेवा, तप-साधना की कष्टसाध्य प्रक्रिया को अपनाने में कितने ही व्यक्ति असाधारण आनंद संतोष एवं गर्व अनुभव करते हैं । यह सब परिशोधित उच्चस्तरीय मन की ही देन है ।
जब बर्नाड शा को नोबुल पुरस्कार दिया गया, तो उन्होंने मात्र मानपत्र ही स्वीकार किया और लगभग तीन लाख रुपये की धनराशि यह कहकर वापस कर दी, कि इसे जरूरतमंद लेखकों, अभावग्रस्तों, रोगियों, अपाहिजों और बेसहारों में वितरित कर दी जाय , ऐसा ही किया भी गया
विकसित व्यक्तित्वों और प्रखर प्रतिभा परिष्कृत मन के विकास की व्यक्तिगत जीवन में दीख पड़ने वाली झाँकी मात्र है । त्याग, बलिदान, सेवा, तप-साधना की कष्टसाध्य प्रक्रिया को अपनाने में कितने ही व्यक्ति असाधारण आनंद संतोष एवं गर्व अनुभव करते हैं । यह सब परिशोधित उच्चस्तरीय मन की ही देन है ।
जब बर्नाड शा को नोबुल पुरस्कार दिया गया, तो उन्होंने मात्र मानपत्र ही स्वीकार किया और लगभग तीन लाख रुपये की धनराशि यह कहकर वापस कर दी, कि इसे जरूरतमंद लेखकों, अभावग्रस्तों, रोगियों, अपाहिजों और बेसहारों में वितरित कर दी जाय , ऐसा ही किया भी गया
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