' क्रांति का अर्थ है--- वैचारिक परिवर्तन की ऐसी प्रक्रिया, जिसमे जनचेतना अनौचित्य का विरोध करने, छोड़ने तथा औचित्य को अपनाने के लिये विवश हो जाये । '
' विश्व की सबसे महत्वपूर्ण क्रांति जीवनशैली के क्षेत्र में होती है । '
जीवनशैली की पीड़ा आज अपने चरम पर पहुँच गई है और पीड़ा का चरम ही क्रांति को जन्म देता है । जीवनशैली का मूल्यांकन केवल खान-पान के आधार पर संभव नहीं है । इसका व्यापक आधार है----- व्यक्ति की सोच, जीवन के प्रति उसका द्रष्टिकोण । समाज और प्रकृति को हम किस द्रष्टि से देखते हैं ?
जीवनशैली के तीन आधार हैं----- 1.चिंतन 2.चरित्र 3.व्यवहार
यदि चिंतन में क्रांतिबीज गहरे जम जाएँ तो वे स्वत: चरित्र एवं व्यवहार को बदल डालते हैं ।
आज इनसानियत का दुर्भाग्य है कि दुनिया जीवनशैली के बेढंगेपन का अभिशाप भोग रही ।
अशांति, अवसाद, मानसिक रोगों की बाढ़, बढ़ती आत्महत्याएँ, शारीरिक रोग, पारिवारिक कलह विकृत जीवनशैली के ही परिणाम हैं ।
यदि हमारी जीवनशैली में----- विचारों में, रूचि एवं व्यवहार में उत्कृष्टता एवं आदर्शवादिता आ जाए तो शांतिपूर्ण व सुखकर वातावरण बनने में देर नहीं लगेगी ।
आध्यात्मिक मंत्र भी जीवनशैली में क्रांति लाने वाले विचारबीज की तरह हैं । यह मंत्र गायत्री मंत्र हो या बुद्धिज्म के लोट्स सूत्र में बताए गए मंत्र हों, जो लोग जप की साधना के साथ संसार में अपने कर्तव्य का पालन करते हैं, उनके जीवन में भी चकित करने वाले परिवर्तन आते हैं ।
आज दुनिया की सरकारें अपराध एवं अशांति को लेकर चिंतित हैं, अपार धन व्यय हो रहा है । यदि इसमें लगने वाला श्रम एवं धन का थोड़ा हिस्सा जीवनशैली में सकारात्मक एवं रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए हो, तो परिणाम उत्साहवर्धक होंगे ।
जीवनशैली में परिवर्तन की लहर धीरे-धीरे व्यापक क्रांति में बदल जाएगी, क्योंकि एक अकेले व्यक्ति में घटित महान इनसानी क्रांति, सारी मानव जाति के भाग्य को बदल सकती है ।
' विश्व की सबसे महत्वपूर्ण क्रांति जीवनशैली के क्षेत्र में होती है । '
जीवनशैली की पीड़ा आज अपने चरम पर पहुँच गई है और पीड़ा का चरम ही क्रांति को जन्म देता है । जीवनशैली का मूल्यांकन केवल खान-पान के आधार पर संभव नहीं है । इसका व्यापक आधार है----- व्यक्ति की सोच, जीवन के प्रति उसका द्रष्टिकोण । समाज और प्रकृति को हम किस द्रष्टि से देखते हैं ?
जीवनशैली के तीन आधार हैं----- 1.चिंतन 2.चरित्र 3.व्यवहार
यदि चिंतन में क्रांतिबीज गहरे जम जाएँ तो वे स्वत: चरित्र एवं व्यवहार को बदल डालते हैं ।
आज इनसानियत का दुर्भाग्य है कि दुनिया जीवनशैली के बेढंगेपन का अभिशाप भोग रही ।
अशांति, अवसाद, मानसिक रोगों की बाढ़, बढ़ती आत्महत्याएँ, शारीरिक रोग, पारिवारिक कलह विकृत जीवनशैली के ही परिणाम हैं ।
यदि हमारी जीवनशैली में----- विचारों में, रूचि एवं व्यवहार में उत्कृष्टता एवं आदर्शवादिता आ जाए तो शांतिपूर्ण व सुखकर वातावरण बनने में देर नहीं लगेगी ।
आध्यात्मिक मंत्र भी जीवनशैली में क्रांति लाने वाले विचारबीज की तरह हैं । यह मंत्र गायत्री मंत्र हो या बुद्धिज्म के लोट्स सूत्र में बताए गए मंत्र हों, जो लोग जप की साधना के साथ संसार में अपने कर्तव्य का पालन करते हैं, उनके जीवन में भी चकित करने वाले परिवर्तन आते हैं ।
आज दुनिया की सरकारें अपराध एवं अशांति को लेकर चिंतित हैं, अपार धन व्यय हो रहा है । यदि इसमें लगने वाला श्रम एवं धन का थोड़ा हिस्सा जीवनशैली में सकारात्मक एवं रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए हो, तो परिणाम उत्साहवर्धक होंगे ।
जीवनशैली में परिवर्तन की लहर धीरे-धीरे व्यापक क्रांति में बदल जाएगी, क्योंकि एक अकेले व्यक्ति में घटित महान इनसानी क्रांति, सारी मानव जाति के भाग्य को बदल सकती है ।
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