दीपावली बुराई
पर अच्छाई की जीत का पर्व है तथा
दीपों की श्रंखला प्रज्वलित कर अज्ञान
और अंधकार के पराजय एवं पराभव का
महापर्व है । सद्ज्ञान और सद्बुद्धि के
साथ सम्रद्धि का समन्वय ही इस पर्व
की प्रेरणा है । हमारे जीवन में
यह चरितार्थ हो , तभी दीपावली मनाने की सार्थकता है ।
लक्ष्मी कमल पर
आसीन हैं । कमल विवेक का प्रतीक
है । पंक से उत्पन्न होकर भी पंक
रहित,
स्वच्छ, पावन, सुगंधित
। संपत्ति तभी वरेण्य है जब वह
पवित्रता पर आधारित हो ।
तमसो
मा ज्योतिर्गमय----- अशुभ को, अनीति
को, अधर्म
को मिटाने के लिए चिंतित एवं चिंता
करने की जरुरत नहीं है, इसके
लिए तो बस, आत्मज्योति को
उभार देना ही पर्याप्त है , यदि
हर व्यक्ति के अंदर छाया अँधेरा प्रकाश
में परिवर्तित हो जाए तो इस धरा
पर अँधेरा रह न पाएगा |
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