अपनी बुद्धि, सूझ-बूझ, लगन और निष्ठा के बल पर गरीब, दीन-हीन और जूता गाँठने वाले मोची का पुत्र आज भी अपने साहित्य द्वारा बच्चे हों या प्रौढ़ सभी को प्रेरणा देते हैं, कर्म-साधना से समृद्धि और ख्याति अर्जित की , वे हैं परी कथाओं के अमर लेखक-- हैन्स एन्डरसन ।
उनके पिता जब शाम को घर लौटते थे तो वे हैन्स को छोटी-छोटी कहानियाँ सुनाया करते थे । उनके पास परी कथाओं का अक्षय भंडार था, बचपन में अपने पिता से कई परी कथाएं सुनी थी । सोचा स्मरण-शक्ति के आधार पर लिख दिया जाये तो साहित्य की महती सेवा हो सकेगी ।
पहली परी कथा पुस्तक ' ट्रि फुल्स ' लोकप्रिय हुई, फिर उन्होंने ढेरों पुस्तकें लिखी । इन परी कथाओं में 'दि डेंटलेस टिन सोल्जर ' , अगली डकलिंग ' , नाइटेंगिल ' , पी शूटर ' ' दि नौटी ब्बॉय ' आदि कहानियाँ बड़ी लोकप्रिय हुईं । इन परी कथाओं के पात्र चयन में बौने, परियां, दैत्यों के साथ पशुओं, धातुओं, अनाज-फसलों तथा पेड़-पौधों तक को लिया गया , प्रत्येक पात्र कहानी में बोलता है, जीवंत है, इसी कारण अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
उनकी रचनाओं के समालोचकों में एक ने लिखा--- " वह भटका हुआ हंस का बच्चा था । तब तक उसे दुःखी रहना पड़ा जब तक उसे अपने स्वरुप और शक्ति का ज्ञान नहीं हुआ । और जब वह अपने आपको पहचानने लगा तो आकाश में इतनी ऊंचाई तक उड़ा जहां सामान्य पक्षी नहीं पहुँच पाता । "
हैन्स एन्डरसन ने अपनी सफलताओं द्वारा यह सिद्ध कर दिया कि------- भाग्य और परिस्थितियाँ मनुष्य का निर्माण नहीं करते वरन मनुष्य ही भाग्य और परिस्थितियों का निर्माण करता है, उन्हें बदलने की क्षमता रखता है ।
उनके पिता जब शाम को घर लौटते थे तो वे हैन्स को छोटी-छोटी कहानियाँ सुनाया करते थे । उनके पास परी कथाओं का अक्षय भंडार था, बचपन में अपने पिता से कई परी कथाएं सुनी थी । सोचा स्मरण-शक्ति के आधार पर लिख दिया जाये तो साहित्य की महती सेवा हो सकेगी ।
पहली परी कथा पुस्तक ' ट्रि फुल्स ' लोकप्रिय हुई, फिर उन्होंने ढेरों पुस्तकें लिखी । इन परी कथाओं में 'दि डेंटलेस टिन सोल्जर ' , अगली डकलिंग ' , नाइटेंगिल ' , पी शूटर ' ' दि नौटी ब्बॉय ' आदि कहानियाँ बड़ी लोकप्रिय हुईं । इन परी कथाओं के पात्र चयन में बौने, परियां, दैत्यों के साथ पशुओं, धातुओं, अनाज-फसलों तथा पेड़-पौधों तक को लिया गया , प्रत्येक पात्र कहानी में बोलता है, जीवंत है, इसी कारण अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
उनकी रचनाओं के समालोचकों में एक ने लिखा--- " वह भटका हुआ हंस का बच्चा था । तब तक उसे दुःखी रहना पड़ा जब तक उसे अपने स्वरुप और शक्ति का ज्ञान नहीं हुआ । और जब वह अपने आपको पहचानने लगा तो आकाश में इतनी ऊंचाई तक उड़ा जहां सामान्य पक्षी नहीं पहुँच पाता । "
हैन्स एन्डरसन ने अपनी सफलताओं द्वारा यह सिद्ध कर दिया कि------- भाग्य और परिस्थितियाँ मनुष्य का निर्माण नहीं करते वरन मनुष्य ही भाग्य और परिस्थितियों का निर्माण करता है, उन्हें बदलने की क्षमता रखता है ।
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