' बड़े शिकार पर हमला करने से पूर्व सिंह जिस तरह अपने शरीर और मन को एकाग्र करके पैनी उछाल की तैयारी करता है उसी तरह वे बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए अपना सारा मनोयोग एकत्रित करते थे । ' कठिनाइयों से जूझने में उन्हें आनंद आता था । सैन्य क्षेत्र धैर्यपूर्वक और दूरदर्शिता के साथ हल करते थे । घबराहट और उतावली कभी किसी ने उनके चेहरे पर नहीं देखी । गुत्थी जितनी पेचीदा होती वे उतने ही अधिक सतर्क और गम्भीर देखे जाते ।
ह्रदय रोग के बार-बार होने वाले दौरे उन्हें तनिक भी विचलित न कर सके, वरन जिंदगी की हिफाजत के लिए प्रयुक्त होने वाले अनेक सतर्क समाधान अपनाकर शिक्षा प्रदान की-----
जवानी में चेन स्मोकर थे, सिगरेट उनके होठों से छूटती न थी, पर जब उन्होंने जाना कि इससे उन्हें खतरा है तो एक बार में ही जिंदगी भर की संग्रहीत आदत को तिनके की तरह तोड़ कर फेंक दिया और फिर उन्होंने मुँह से नहीं लगाया ।
जब उन्होंने समझा कि असंयम से दिल के दौरों पर बुरा प्रभाव पहुँचता है तो उनने अपनी आदत यकायक सन्तों जैसी बना ली ।
उनका शरीर भारी था, पर जब इसकी अनुपयोगिता समझ ली तो नपे-तुले आहार पर इस कदर दृढ़ हो गये कि भार फिर बढ़ा कभी नहीं, घटता ही गया ।
आइजन हावर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गये । इस उपलक्ष्य में उन्हें देश - भर से लाखों उपहार मिले इन उपहारों में एक मामूली झाड़ू भी थी । भेजने वाले ने लिखा था----- "आपने अपने भाषण में कहा था कि यदि मैं चुन लिया गया तो मेरा काम शासनतंत्र में व्याप्त गंदगी को साफ करना है । मुझे विश्वास है कि मेरा यह नन्हा सा उपहार आपको सदा आपके उस वचन की याद दिलाता रहेगा । "
इन उपहारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने उस झाड़ू को ऊँचा उठाते हुए कहा---- " यही है मेरा सर्वोतम उपहार । इसमें देश की आत्मा ने मुझसे सीधी बात-चीत की है । "
ह्रदय रोग के बार-बार होने वाले दौरे उन्हें तनिक भी विचलित न कर सके, वरन जिंदगी की हिफाजत के लिए प्रयुक्त होने वाले अनेक सतर्क समाधान अपनाकर शिक्षा प्रदान की-----
जवानी में चेन स्मोकर थे, सिगरेट उनके होठों से छूटती न थी, पर जब उन्होंने जाना कि इससे उन्हें खतरा है तो एक बार में ही जिंदगी भर की संग्रहीत आदत को तिनके की तरह तोड़ कर फेंक दिया और फिर उन्होंने मुँह से नहीं लगाया ।
जब उन्होंने समझा कि असंयम से दिल के दौरों पर बुरा प्रभाव पहुँचता है तो उनने अपनी आदत यकायक सन्तों जैसी बना ली ।
उनका शरीर भारी था, पर जब इसकी अनुपयोगिता समझ ली तो नपे-तुले आहार पर इस कदर दृढ़ हो गये कि भार फिर बढ़ा कभी नहीं, घटता ही गया ।
आइजन हावर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गये । इस उपलक्ष्य में उन्हें देश - भर से लाखों उपहार मिले इन उपहारों में एक मामूली झाड़ू भी थी । भेजने वाले ने लिखा था----- "आपने अपने भाषण में कहा था कि यदि मैं चुन लिया गया तो मेरा काम शासनतंत्र में व्याप्त गंदगी को साफ करना है । मुझे विश्वास है कि मेरा यह नन्हा सा उपहार आपको सदा आपके उस वचन की याद दिलाता रहेगा । "
इन उपहारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने उस झाड़ू को ऊँचा उठाते हुए कहा---- " यही है मेरा सर्वोतम उपहार । इसमें देश की आत्मा ने मुझसे सीधी बात-चीत की है । "
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