जो व्यक्ति सफलता का दृढ़ निश्चय कर लेता है ओर पूरे मनोयोग से उसमे जुट जाता है तो असफल हो ही नहीं सकता ।
आत्मबल संपन्न व्यक्ति अपनी प्रसुप्त शक्तियों को पहचानते, जगाते व आगे बढ़ते चले जाते हैं ।
नेपोलियन एक ऐसा ही आत्मविश्वास और मनोबल का धनी युवक था, जिसने पांच वर्ष की आयु में माता से शत्रु के आतंक व अपने राज्य कार्सिका की गुलामी की कहानी सुन संकल्प किया था कि मैं अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराके रहूँगाl किशोरा वस्था से उन्होंने अपने संकल्प को साकार रुप देने आरम्भ कर दिया । अपने लगन व परिश्रम के बल पर वह सेना की टुकड़ी का नायक , फिर फ़्रांस का सर्वेसर्वा और अंत में विश्व विजेता बन गया । आल्पस की गगनचुंबी बर्फीली चोटियों की तलहटी में खड़े अपने सैनिकों से उसने ही आत्मविश्वास से भरे शब्दों में कहा था------ " रौंद दो इन बर्फीली चोटियों को, ये कभी भी पुरुषार्थियों के मार्ग में बाधक नहीं बन
सकतीं । " उसके इन शब्दों ने सैनिकों पर जादू कर दिया और वे असंभव को भी संभव बनाकर आल्पस पर्वत को चुनौती देते रास्ता बनाते निकल गये ।
आत्मबल संपन्न व्यक्ति अपनी प्रसुप्त शक्तियों को पहचानते, जगाते व आगे बढ़ते चले जाते हैं ।
नेपोलियन एक ऐसा ही आत्मविश्वास और मनोबल का धनी युवक था, जिसने पांच वर्ष की आयु में माता से शत्रु के आतंक व अपने राज्य कार्सिका की गुलामी की कहानी सुन संकल्प किया था कि मैं अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र कराके रहूँगाl किशोरा वस्था से उन्होंने अपने संकल्प को साकार रुप देने आरम्भ कर दिया । अपने लगन व परिश्रम के बल पर वह सेना की टुकड़ी का नायक , फिर फ़्रांस का सर्वेसर्वा और अंत में विश्व विजेता बन गया । आल्पस की गगनचुंबी बर्फीली चोटियों की तलहटी में खड़े अपने सैनिकों से उसने ही आत्मविश्वास से भरे शब्दों में कहा था------ " रौंद दो इन बर्फीली चोटियों को, ये कभी भी पुरुषार्थियों के मार्ग में बाधक नहीं बन
सकतीं । " उसके इन शब्दों ने सैनिकों पर जादू कर दिया और वे असंभव को भी संभव बनाकर आल्पस पर्वत को चुनौती देते रास्ता बनाते निकल गये ।
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