विचार की शक्ति किस प्रकार अन्य सारी शक्तियों और सत्ताओं को पराजित कर मानव ह्रदय पर अखण्ड आरुढ़ होती है , टामसपेन इसको अपने जीवन में ही सिद्ध करके यह अमर मन्त्र मानवता को दे गया ----- " जहाँ सिपाहियों की फौज नाकामयाब होंगी वहां सिद्धांतों की सेनाएं शत्रु के चक्रव्यूह को भेदती चली जायेंगी । जहाँ राजनैतिक कूट - चक्र विफल होंगे , वहां विचार सूत्र काम करेगा । दुनिया की कोई भी सत्ता विचार की अगाध गतिशीलता को रोक नहीं सकती ।
' विचार समस्त भूमण्डल के क्षितिज की परिक्रमा करता हुआ अंततः विजयी होगा । '
इंग्लैंड, अमेरिका और फ्रांस जैसे तीन देशों में जन - क्रांति के जन्मदाता टामसपेन का जन्म 1737 में इंग्लैंड में हुआ था । अमरीकी फौजों के ह्रदय में आग और बाहुओं में फौलाद भर देने के लिए उन्होंने ' क्रिसिस ' पुस्तक लिखी । टामसपेन ने अपनी सशक्त लेखनी और ओजस्वी शैली से लिखकर जनमानस को संस्करित कर दिया । वाशिंगटन का साधारण से साधारण सिपाही तेज प्रदीप्त होकर त्याग और बलिदान की भाषा बोलने लगा ।
उनका ग्रन्थ ' एज ऑफ रीजन ' वह महान दर्शन है , जो निखिल मानवीय मनीषा की मुक्ति का मंत्रदाता है ।
' विचार समस्त भूमण्डल के क्षितिज की परिक्रमा करता हुआ अंततः विजयी होगा । '
इंग्लैंड, अमेरिका और फ्रांस जैसे तीन देशों में जन - क्रांति के जन्मदाता टामसपेन का जन्म 1737 में इंग्लैंड में हुआ था । अमरीकी फौजों के ह्रदय में आग और बाहुओं में फौलाद भर देने के लिए उन्होंने ' क्रिसिस ' पुस्तक लिखी । टामसपेन ने अपनी सशक्त लेखनी और ओजस्वी शैली से लिखकर जनमानस को संस्करित कर दिया । वाशिंगटन का साधारण से साधारण सिपाही तेज प्रदीप्त होकर त्याग और बलिदान की भाषा बोलने लगा ।
उनका ग्रन्थ ' एज ऑफ रीजन ' वह महान दर्शन है , जो निखिल मानवीय मनीषा की मुक्ति का मंत्रदाता है ।
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