अनेक लोग होते हैं , जो जीते - जी मौत से भी बदतर दुर्दशा में रहते हैं । कोई सूरमा होते हैं जो मरते भी हैं तो जिन्दगी से बेहतर स्थिति में जा पहुँचते हैं , ये सूरमा आदर्शों के लिए जीते हैं और आदर्शों के लिए ही अपने प्राणों का उत्सर्ग कर जाते हैं ।
स्वातंत्र्य - यज्ञ में अपना सर्वस्व तन , मन , धन व प्राण आहूत करने वाले अमर शहीदों ने पराधीन , पददलित व अपमानित रहने की अपेक्षा अन्याय से संघर्ष करना ही अभीष्ट समझा । उन्होंने अपने जीवन का एक ही ध्येय बना लिया , और वह ध्येय था भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति दिलाना ।
परतंत्र भारत के स्वतंत्रता प्रेमी युवकों पर गर्व होता है जो ब्रिटिश शासन की नाक तले अपनी राष्ट्र भक्ति का परिचय देते थे । अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और सुख के लिए उन्होंने अन्याय और अनीति से समझौता नहीं किया ।
वे धन्य हैं जो इस निर्भयता , निश्छल व प्रखरता से दीप्त जीवन जीते हैं और मरकर भी अमर बनकर पीछे वालों को मनुष्य जीवन सफल कर जाने का पथ दरशा जाते हैं ।
स्वातंत्र्य - यज्ञ में अपना सर्वस्व तन , मन , धन व प्राण आहूत करने वाले अमर शहीदों ने पराधीन , पददलित व अपमानित रहने की अपेक्षा अन्याय से संघर्ष करना ही अभीष्ट समझा । उन्होंने अपने जीवन का एक ही ध्येय बना लिया , और वह ध्येय था भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति दिलाना ।
परतंत्र भारत के स्वतंत्रता प्रेमी युवकों पर गर्व होता है जो ब्रिटिश शासन की नाक तले अपनी राष्ट्र भक्ति का परिचय देते थे । अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और सुख के लिए उन्होंने अन्याय और अनीति से समझौता नहीं किया ।
वे धन्य हैं जो इस निर्भयता , निश्छल व प्रखरता से दीप्त जीवन जीते हैं और मरकर भी अमर बनकर पीछे वालों को मनुष्य जीवन सफल कर जाने का पथ दरशा जाते हैं ।
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