सरदार पटेल का जीवन प्रत्येक मनुष्य के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श उपस्थित करता है कि---- देश और समाज की रक्षा का प्रश्न उपस्थित होने पर निजी स्वार्थ त्याग कर उसी को प्राथमिकता देनी चाहिए । यदि देश और समाज का पतन हो गया तो हमारी व्यक्तिगत उन्नति भी बेकार हो जाती है इसलिए जो कोई अपने मानव जन्म को सार्थक करना चाहता है उसको अवश्य ही अपनी शक्ति और साधनों का एक भाग समाज सेवा के निमित लगाना चाहिए ।
वे जनता को अपने जन्म सिद्ध अधिकार ' स्वराज्य ' के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाने को समझाने लगे ------ " राष्ट्रीय भावना को संसार की कोई भी शक्ति नष्ट नहीं कर सकती । ब्रिटिश सरकार पूछती है ---- " यदि वे इस देश को छोड़कर चले जाएँ तो हमारा क्या बनेगा ? ' निश्चय ही यह बड़ा विचित्र प्रश्न है । यह ऐसा प्रश्न है जैसे चौकीदार अपने स्वामी से कहे कि 'यदि मैं चला जाऊं तो आपका क्या होगा ? '
इसका उत्तर यही होगा कि तुम अपना रास्ता नापो । या तो हम दूसरा चौकीदार रख लेंगे या हम अपनी रखवाली आप करना सीख जायेंगे । " पर हमारा यह चौकीदार जाता ही नहीं वरन मालिक को धमकाता है ।
वे जनता को अपने जन्म सिद्ध अधिकार ' स्वराज्य ' के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाने को समझाने लगे ------ " राष्ट्रीय भावना को संसार की कोई भी शक्ति नष्ट नहीं कर सकती । ब्रिटिश सरकार पूछती है ---- " यदि वे इस देश को छोड़कर चले जाएँ तो हमारा क्या बनेगा ? ' निश्चय ही यह बड़ा विचित्र प्रश्न है । यह ऐसा प्रश्न है जैसे चौकीदार अपने स्वामी से कहे कि 'यदि मैं चला जाऊं तो आपका क्या होगा ? '
इसका उत्तर यही होगा कि तुम अपना रास्ता नापो । या तो हम दूसरा चौकीदार रख लेंगे या हम अपनी रखवाली आप करना सीख जायेंगे । " पर हमारा यह चौकीदार जाता ही नहीं वरन मालिक को धमकाता है ।
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