' साहस, त्याग और बलिदान में बड़ी शक्ति होती है । उसके आधार पर संसार का हर काम संभव बनाया जा सकता है । '
जिस युग में लाला लाजपत राय ने सार्वजनिक सेवा और देशोद्धार का कार्य किया था , वह विषम और कठिनाइयों से परिपूर्ण था । उन दिनों हिसार में म्युनिसिपेलिटी में मंत्री पद रिक्त था , लाला जी ने तत्काल उस स्थान के लिए अपनी अवैतनिक सेवाएं प्रस्तुत की । और उस अवधि में नगर में स्वच्छता और छोटी संस्थाओं की सहायता को उन्होंने स्थायित्व दिलाया । चुंगी चौकियों पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोका । लालाजी अपने कर्तव्य के प्रति नि:स्वार्थ और निस्पृह थे , उन्होंने अपने पद और प्रभाव से कभी कोई लाभ नहीं उठाया । वहां उन्होंने अनेक जन - कल्याण के कार्य किये , अनाथालय और अनाथों के लिए उद्दोग की स्थापना की जिससे अनेकों का जीवन - निर्वाह होने लगा । 1896-97 में जब पूरे भारत में सूखे के कारण अकाल पड़ा , फिर प्लेग फैला , उस समय कष्ट - पीड़ित जनता की उन्होंने जो सेवा की , वह मानवता के इतिहास में आदरपूर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी । वे कहते थे --- " मेरा विश्वास है कि जो व्यक्ति सेवाओं का परिणाम लिए बिना जितनी अधिक सेवा कर लेता है वह उतना ही बड़ा परमार्थी है और उसका जीवन उतना ही अधिक सार्थक होता है ।
जिस युग में लाला लाजपत राय ने सार्वजनिक सेवा और देशोद्धार का कार्य किया था , वह विषम और कठिनाइयों से परिपूर्ण था । उन दिनों हिसार में म्युनिसिपेलिटी में मंत्री पद रिक्त था , लाला जी ने तत्काल उस स्थान के लिए अपनी अवैतनिक सेवाएं प्रस्तुत की । और उस अवधि में नगर में स्वच्छता और छोटी संस्थाओं की सहायता को उन्होंने स्थायित्व दिलाया । चुंगी चौकियों पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोका । लालाजी अपने कर्तव्य के प्रति नि:स्वार्थ और निस्पृह थे , उन्होंने अपने पद और प्रभाव से कभी कोई लाभ नहीं उठाया । वहां उन्होंने अनेक जन - कल्याण के कार्य किये , अनाथालय और अनाथों के लिए उद्दोग की स्थापना की जिससे अनेकों का जीवन - निर्वाह होने लगा । 1896-97 में जब पूरे भारत में सूखे के कारण अकाल पड़ा , फिर प्लेग फैला , उस समय कष्ट - पीड़ित जनता की उन्होंने जो सेवा की , वह मानवता के इतिहास में आदरपूर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी । वे कहते थे --- " मेरा विश्वास है कि जो व्यक्ति सेवाओं का परिणाम लिए बिना जितनी अधिक सेवा कर लेता है वह उतना ही बड़ा परमार्थी है और उसका जीवन उतना ही अधिक सार्थक होता है ।
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