' संसार में सच्चाई का बहुत महत्त्व है । वह ऐसी चीज है जो चीथड़ों में लिपटी रहने पर भी दूर - दूर तक सम्मान की पात्र समझी जाती है जबकि किसी बेईमान को धन होने पर भी दूसरों से निगाह चुरानी पड़ती है वहां ' सच्चाई का धनी ' सदैव मस्तक ऊँचा करके चलता है ।
इस समय संसार में धन की कितनी ही पूजा क्यों न होती हो पर उससे शान्ति और संतोष की प्राप्ति नहीं हो सकती । ये ' महान सम्पदाएँ ' पराई वस्तु को हराम समझने वाले को ही प्राप्त होती हैं ।
इस समय संसार में धन की कितनी ही पूजा क्यों न होती हो पर उससे शान्ति और संतोष की प्राप्ति नहीं हो सकती । ये ' महान सम्पदाएँ ' पराई वस्तु को हराम समझने वाले को ही प्राप्त होती हैं ।
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