' दुर्व्यसनी , कुकर्मी अनेकों संगी साथी बना सकने में सफल हो जाते हैं लेकिन आदर्शों का , श्रेष्ठता का अनुकरण करने की क्षमता हलकी होती है । गीता पढ़कर उतने आत्मज्ञानी नहीं बने जितने कि दूषित साहित्य , अश्लील द्रश्य , अभिनय से प्रभावित होकर कामुक अनाचार अपनाने में प्रवृत हुए । कुकुरमुत्तों की फसल और मक्खी - मच्छरों का परिवार भी तेजी से बढ़ता है पर हाथी की वंश वृद्धि अत्यंत धीमी गति से होती है ।
No comments:
Post a Comment