' किसी तपस्या की अपर्याप्त सिद्धि यदि थोड़ी सी तपस्या और मिला देने से पूर्ण और प्रकाम हो सकती है तो धैर्यवान साधक उससे पीछे नहीं हटते । वे कुछ समय और तप कर ऐसे कुन्दन ही बन जाते हैं जिसकी प्रतिभा और प्रभा फिर कभी आजीवन मंद नहीं होती । '
लाला लाजपतराय ने अरबी , उर्दू और भौतिक विज्ञान के साथ पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ग्रहण की , किन्तु इससे उन्हें संतोष न हुआ । कारण यह था कि उन दिनों पंजाब विश्वविद्यालय की उपाधि कुछ अधिक महत्वपूर्ण नहीं मानी जाती थी । कलकत्ता विश्वविद्यालय की डिग्रियों का उन दिनों बहुत मान था । इस अन्तर के कारण उन्हें अपना परिश्रम व्यर्थ जाता दिखाई देने लगा ।
लेकिन इससे वे निराश नहीं हुए । लाला लाजपतराय कलकत्ता विश्वविद्यालय की उपाधि के लिए कृत संकल्प होकर पुन: अध्ययन में जुट गए और इस बार उन्होंने फारसी के साथ इस विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की ।
' महान का संपर्क मध्यम को भी महान बना देता है । ' कलकत्ता विश्वविद्यालय की उपाधि मिलते ही उनकी पिछली डिग्री का भी महत्व बढ़ गया और अब वे एक - एक ग्यारह की तरह दोनों डिग्रियों से विशेष गुरुता युक्त हो गये । इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री प्राप्त की ।
लाला लाजपतराय ने अरबी , उर्दू और भौतिक विज्ञान के साथ पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ग्रहण की , किन्तु इससे उन्हें संतोष न हुआ । कारण यह था कि उन दिनों पंजाब विश्वविद्यालय की उपाधि कुछ अधिक महत्वपूर्ण नहीं मानी जाती थी । कलकत्ता विश्वविद्यालय की डिग्रियों का उन दिनों बहुत मान था । इस अन्तर के कारण उन्हें अपना परिश्रम व्यर्थ जाता दिखाई देने लगा ।
लेकिन इससे वे निराश नहीं हुए । लाला लाजपतराय कलकत्ता विश्वविद्यालय की उपाधि के लिए कृत संकल्प होकर पुन: अध्ययन में जुट गए और इस बार उन्होंने फारसी के साथ इस विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की ।
' महान का संपर्क मध्यम को भी महान बना देता है । ' कलकत्ता विश्वविद्यालय की उपाधि मिलते ही उनकी पिछली डिग्री का भी महत्व बढ़ गया और अब वे एक - एक ग्यारह की तरह दोनों डिग्रियों से विशेष गुरुता युक्त हो गये । इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री प्राप्त की ।
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