भगवान् बुद्ध का जीवन सत्य की खोज में , लोगों को उपदेश देने और सन्मार्ग पर लाने में लगा l उन्होंने मानव मनोविज्ञान और दुःख के हर पहलू के विषय में चर्चा की और उसके समाधान भी बताये | भगवान् बुद्ध ने मध्यम मार्ग बताया l उन्होंने कहा ---- ' वीणा के तार को इतना मत कसो कि वह टूट जाये और इतना ढीला भी मत छोड़ो कि वह बजना ही छोड़ दे l ' इसी तरह जीवन में अति कठोरता या अति ढीलापन बरतना नुकसानदायक होता है l '
भगवान बुद्ध ने स्वयं को ' मार्ग - दाता ' कहा l उन्होंने अपने अनुयायियों को मोक्ष का लालच नहीं दिया l उन्होंने यह अवश्य कहा कि जो उनके बताये मार्ग पर पूर्ण समर्पण से चलेगा वह भी दिव्य चेतना के उस स्तर तक पहुँच सकता है l
भगवान बुद्ध ने स्वयं को ' मार्ग - दाता ' कहा l उन्होंने अपने अनुयायियों को मोक्ष का लालच नहीं दिया l उन्होंने यह अवश्य कहा कि जो उनके बताये मार्ग पर पूर्ण समर्पण से चलेगा वह भी दिव्य चेतना के उस स्तर तक पहुँच सकता है l
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