अब्राहम लिंकन ने एक बार अपने एक पत्र की शुरुआत में लिखा था --- " हर एक को तारीफ अच्छी लगती है l "
हर मनुष्य के दिल की गहराई में यह ' लालसा ' छिपी होती है कि उसे सराहा जाये l और वह दुर्लभ व्यक्ति , जो इस ' लालसा ' को संतुष्ट करता है , लोगों को अपने वश में कर सकता है l
चार्ल्स श्वाब एक ऐसे व्यक्ति का नाम है , जिसने सहानुभूति और सच्ची प्रशंसा के द्वारा लोगों के दिलों पर राज किया l एन्ड्रयु कारनेगी ने चार्ल्स श्वाब को एक साल में दस लाख डालर से अधिक की तनख्वाह दी l इसका कारण श्वाब ने बताया कि वे लोगों के साथ व्यवहार करने की कला में निपुण थे l श्वाब का कहना था कि ---- " मैं मानता हूँ कि मेरी सबसे बड़ी पूंजी अपने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने की कला है और मैं सराहना और प्रोत्साहन के द्वारा लोगों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा लेता हूँ l "
एन्ड्रयु कारनेगी गरीबी में पले स्काटलैंड के किशोर थे , जिन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत दो सेंट प्रति घंटे काम से की थी और बाद में उन्होंने 365 मिलियन डॉलर दान में दिए l उन्होंने जीवन की शुरुआत में ही सीख लिया था कि लोगों को प्रभावित करने का इकलौता तरीका सामने वाले की इच्छाओं के बारे में बात करना है l वे केवल चार साल तक ही स्कूल गए थे , परन्तु उन्होंने यह सीख लिया था कि लोगों के साथ किस तरह व्यवहार किया जाये l "
हर मनुष्य के दिल की गहराई में यह ' लालसा ' छिपी होती है कि उसे सराहा जाये l और वह दुर्लभ व्यक्ति , जो इस ' लालसा ' को संतुष्ट करता है , लोगों को अपने वश में कर सकता है l
चार्ल्स श्वाब एक ऐसे व्यक्ति का नाम है , जिसने सहानुभूति और सच्ची प्रशंसा के द्वारा लोगों के दिलों पर राज किया l एन्ड्रयु कारनेगी ने चार्ल्स श्वाब को एक साल में दस लाख डालर से अधिक की तनख्वाह दी l इसका कारण श्वाब ने बताया कि वे लोगों के साथ व्यवहार करने की कला में निपुण थे l श्वाब का कहना था कि ---- " मैं मानता हूँ कि मेरी सबसे बड़ी पूंजी अपने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने की कला है और मैं सराहना और प्रोत्साहन के द्वारा लोगों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा लेता हूँ l "
एन्ड्रयु कारनेगी गरीबी में पले स्काटलैंड के किशोर थे , जिन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत दो सेंट प्रति घंटे काम से की थी और बाद में उन्होंने 365 मिलियन डॉलर दान में दिए l उन्होंने जीवन की शुरुआत में ही सीख लिया था कि लोगों को प्रभावित करने का इकलौता तरीका सामने वाले की इच्छाओं के बारे में बात करना है l वे केवल चार साल तक ही स्कूल गए थे , परन्तु उन्होंने यह सीख लिया था कि लोगों के साथ किस तरह व्यवहार किया जाये l "
No comments:
Post a Comment