समाज में सज्जन लोगों की कमी नहीं है लेकिन असुरता बढ़ती जा रही है क्योंकि अनीति , अत्याचार का विरोध - प्रतिरोध करने के लिए कोई साहस नहीं दिखता l वेदों में कहा गया है --- ' हे भगवन ! आप हमें ' मन्यु ' प्रदान करें l 'मन्यु ' का अर्थ है वह क्रोध जो अनाचार के विरोध में उमगता है l इसमें लोकमंगल विरोधी अनाचार को निरस्त करने का विवेकपूर्ण संकल्प जुड़ा होता है l क्रोध के समतुल्य दिखने पर भी यह ईश्वरीय वरदान है l
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