' आकाश से उतरती नन्ही बूँदों को देख अग्नि की लपटें अट्टाहास कर उठीं और दर्प से बोलीं ---" नादान बूँदों ! क्यों अपने आप को नष्ट करने दौड़ी चली आ रही हो ? "
बूँदें मुस्कराईं और एक - एक करके सब आग के अन्दर समा गईं और देखते - देखते आग का नामोनिशान ही मिट गया l सम्मिलित और संगठित प्रयास से बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है l '
बूँदें मुस्कराईं और एक - एक करके सब आग के अन्दर समा गईं और देखते - देखते आग का नामोनिशान ही मिट गया l सम्मिलित और संगठित प्रयास से बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है l '
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