जार्ज विलियम प्रतिदिन गिरजाघर जाते थे और गरीब व असहायों की भरपूर सेवा भी करते थे l एक दिन वे प्रार्थना कर लौट रहे थे कि उन्होंने देखा कि एक दुष्ट व्यक्ति किसी असहाय को सता रहा है l उन्होंने उसे समझाया कि किसी कमजोर को प्रताड़ित करना पाप है , तो उसने गुस्से में आकर उनके गाल पर एक तमाचा मार दिया l जार्ज ने दूसरा गाल भी उसकी और कर दिया l उसने उस गाल पर भी प्रहार कर दिया l ऐसा होते ही जार्ज विलियम ने उसे उठाकर जमीन पर पटक दिया l भीड़ में खड़े चर्च के पादरी ने यह द्रश्य देखा तो बोले ---- "जार्ज ! तुम तो ईसा के महान भक्त हो , फिर इस व्यक्ति पर प्रहार क्यों कर रहे हो ? "
जार्ज बोले ---- " प्रभु ईसा ने कहा है कि कोई तुम्हे एक चांटा मारे तो दूसरा गाल उसके सामने कर दो l मैंने इसका पालन करते हुए अपना दूसरा गाल भी इसके आगे कर दिया किन्तु मैंने यह भी पढ़ा है कि अत्याचार सहन करना किसी पाप से कम नहीं है l इससे ज्यादा कुकर्म करने की छूट देने पर इसका दुस्साहस बढ़ जाता , इसलिए मैंने इसे सबक सिखाना उचित समझा l कुकर्मी का प्रतिकार करना भी धर्म के समान ही है l
जार्ज बोले ---- " प्रभु ईसा ने कहा है कि कोई तुम्हे एक चांटा मारे तो दूसरा गाल उसके सामने कर दो l मैंने इसका पालन करते हुए अपना दूसरा गाल भी इसके आगे कर दिया किन्तु मैंने यह भी पढ़ा है कि अत्याचार सहन करना किसी पाप से कम नहीं है l इससे ज्यादा कुकर्म करने की छूट देने पर इसका दुस्साहस बढ़ जाता , इसलिए मैंने इसे सबक सिखाना उचित समझा l कुकर्मी का प्रतिकार करना भी धर्म के समान ही है l
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