कन्फ्यूशियस का कहना था कि अत्याचारी शासक चीते से भी अधिक भयंकर होता है l अत्याचारी शासन में रहने की अपेक्षा अच्छा है कि किसी पहाड़ी अथवा वन में रह लिया जाये l किन्तु यह व्यवस्था सार्वजनिक नहीं हो सकती l इसलिए जनता को चाहिए कि वह अत्याचारी शासन का समुचित विरोध करे और सत्ताधारी को अपना सुधार करने के लिए विवश करने का उपाय करे l '
कन्फ्यूशियस का स्पष्ट मत था कि --- अत्याचारी शासन को भय के कारण सहन करने वाला समाज किसी प्रकार की उन्नति नहीं कर पाता l विकासहीन जीवन बिताता हुआ वह युगों तक नारकीय यातना भोगा करता है तथा सदा सर्वदा अवनति के गर्त में पड़ा रहकर जिस - तिस प्रकार जीवन व्यतीत करता रहता है l अत: दु:शासन को पलटने के लिए जनता सदैव जागरूक रहे l '
कन्फ्यूशियस का स्पष्ट मत था कि --- अत्याचारी शासन को भय के कारण सहन करने वाला समाज किसी प्रकार की उन्नति नहीं कर पाता l विकासहीन जीवन बिताता हुआ वह युगों तक नारकीय यातना भोगा करता है तथा सदा सर्वदा अवनति के गर्त में पड़ा रहकर जिस - तिस प्रकार जीवन व्यतीत करता रहता है l अत: दु:शासन को पलटने के लिए जनता सदैव जागरूक रहे l '
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