मनुष्य जैसे - जैसे बड़ा होता है , ज्ञान प्राप्त करता है तो तर्क - कुतर्क करता है l बच्चों में छल - कपट नहीं होता l जो सत्य है , वही कहते हैं l एक कथा है -----
एक बहुत विद्वान् व्यक्ति था , उसने सभी धर्म व दर्शन के ग्रन्थ पढ़े थे l लेकिन वह नास्तिक था , अपने तर्कों से ईश्वर के अस्तित्व को नकार देता था l उससे कोई जीत नहीं पाता था l उसने बड़े - बड़े अक्षरों में अपने घर की दीवार पर लिख रखा था --- ' गॉड इज नो व्हेयर ' l अर्थात ईश्वर कहीं नहीं है l लोगों को ऐसा बताकर उसे बड़ी प्रसन्नता होती थी l
कुछ समय बाद उसका विवाह हुआ l उसके एक पुत्र हुआ l वह बालक बहुत भोला व मासूम था l जब उसने पढ़ना सीखा तो दीवार पर लिखे इतने बड़े वाक्य ' गॉड इज नो व्हेयर ' को पढ़ना उसके लिए कठिन था l वह बच्चा ' गॉड इज ' तो आसानी से पढ़ लेता था , लेकिन ' नो व्हेयर ' पढ़ने में अटक जाता था l उसके लिए यह बड़ा शब्द था , एक साथ उसका उच्चारण कठिन था l इसलिए बच्चे ने उस शब्द को दो भागों में तोड़ दिया --- 'नाउ - हियर ' l अब वह बच्चा उस वाक्य को ऐसे पढ़ता था ---- ' गॉड इज नाउ हियर ' l वह बच्चा दिन - भर , जब - तब बोलता रहता --- ' गॉड इज नाउ हियर ' --- गॉड इज ----- --- ' l ईश्वर अब यहीं है ' l
बच्चे के पास कोई तर्क नहीं था , कोई बहस नहीं , वह तो अपनी तोतली भाषा में बोलता था l
बच्चे के मुँह से सुनते - सुनते कि ' गॉड इज नाउ हियर ' , पिता का भी विवेक जाग गया l अब उसके पास कोई तर्क नहीं था , कोई विवाद भी नहीं l उसके पास अनुभूति थी l ईश्वर को हम इन आँखों से देख नहीं सकते , केवल अनुभव कर सकते है , उनकी कृपा से आनंदित हो सकते हैं l
एक बहुत विद्वान् व्यक्ति था , उसने सभी धर्म व दर्शन के ग्रन्थ पढ़े थे l लेकिन वह नास्तिक था , अपने तर्कों से ईश्वर के अस्तित्व को नकार देता था l उससे कोई जीत नहीं पाता था l उसने बड़े - बड़े अक्षरों में अपने घर की दीवार पर लिख रखा था --- ' गॉड इज नो व्हेयर ' l अर्थात ईश्वर कहीं नहीं है l लोगों को ऐसा बताकर उसे बड़ी प्रसन्नता होती थी l
कुछ समय बाद उसका विवाह हुआ l उसके एक पुत्र हुआ l वह बालक बहुत भोला व मासूम था l जब उसने पढ़ना सीखा तो दीवार पर लिखे इतने बड़े वाक्य ' गॉड इज नो व्हेयर ' को पढ़ना उसके लिए कठिन था l वह बच्चा ' गॉड इज ' तो आसानी से पढ़ लेता था , लेकिन ' नो व्हेयर ' पढ़ने में अटक जाता था l उसके लिए यह बड़ा शब्द था , एक साथ उसका उच्चारण कठिन था l इसलिए बच्चे ने उस शब्द को दो भागों में तोड़ दिया --- 'नाउ - हियर ' l अब वह बच्चा उस वाक्य को ऐसे पढ़ता था ---- ' गॉड इज नाउ हियर ' l वह बच्चा दिन - भर , जब - तब बोलता रहता --- ' गॉड इज नाउ हियर ' --- गॉड इज ----- --- ' l ईश्वर अब यहीं है ' l
बच्चे के पास कोई तर्क नहीं था , कोई बहस नहीं , वह तो अपनी तोतली भाषा में बोलता था l
बच्चे के मुँह से सुनते - सुनते कि ' गॉड इज नाउ हियर ' , पिता का भी विवेक जाग गया l अब उसके पास कोई तर्क नहीं था , कोई विवाद भी नहीं l उसके पास अनुभूति थी l ईश्वर को हम इन आँखों से देख नहीं सकते , केवल अनुभव कर सकते है , उनकी कृपा से आनंदित हो सकते हैं l
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