मनुष्य के विकास की सबसे बड़ी बाधा उसका अहंकार है l अहंकारी व्यक्ति के सामने सब कुछ छोटा होता है l ऐसा व्यक्ति अपने प्रत्येक कार्य का श्रेय तो स्वयं लेता है , साथ ही दूसरों के कार्यों का भी श्रेय लेना चाहता है , उसका लाभ वह अकेले उठाना चाहता है l दूसरे को हस्तक्षेप करते या लाभ उठाते देख वह जल - भुन उठता है और प्रतिकार के लिए तैयार हो जाता है l उसका यह अहंकार जब पराकाष्ठा तक पहुँच जाता है तब सब लोग उसका साथ छोड़ देते हैं और अन्तत : उसे हार माननी पड़ती है l रावण , कंस , हिटलर , मुसोलिनी सभी को उनका अहंकार खा गया l
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