26 February 2020

WISDOM ----

  स्वामी  विवेकानन्द   ने  अपने  गुरु भाइयों   को  संबोधित   करते  हुए   राखाल   महाराज  से  कहा  था  ---- " राखाल  ! आज  रात्रि    हमें  दिव्य  दर्शन  हुआ  है   l   इस  दिव्य  दर्शन  में  हमने   अपने  देश  भारत  के  अभ्युदय  को  देखा  है  l   भारत  के  समुज्ज्वल  भविष्य  का  साक्षात्कार  किया  है  ------- '  स्वामीजी  जब  ये  सब  बात  कर  रहे  थे  , तब  उनकी  मुख   मुद्रा   वर्तमान  को  पार  कर   भविष्य  को  स्पष्ट  देख  रही  थी   l   वह  बोल  रहे  थे ---- " एक  नवीन   भारत  निकल  पड़ेगा  --- हल  पकड़कर  , किसानों  की  कुटी  भेदकर  ,  मछुए , माली , मोची , मेहतरों   की  कुटीरों  से  l   निकल  पड़ेगा  --- बनिये   की  दुकानों  से  ,  भुजवा  के  भाड़  के  पास  से ,   कारखाने  से , हाट  से  ,  बाजार  से   l   अपना  नवीन   भारत  निकल  पड़ेगा  --- झाड़ियों , जंगलों , पहाड़ों , पर्वतों  से   l   इन  लोगों  ने  हजारों  वर्षों  तक  नीरव  अत्याचार  सहन  किया  है  ,  उससे  पाई  है  अपूर्व  सहनशीलता   l   सनातन  दुःख  उठाया  है  ,  जिससे  पाई  है  ,  अटल  जीवनी  शक्ति  l   यही  लोग  अपने  नवीन   भारत  के  निर्माता  होंगे  l   "  

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