11 April 2020

WISDOM ----- ज्ञान - विज्ञान का सदुपयोग जरुरी है l

पंचतंत्र  की  एक  कहानी  है   कि ---- चार  मित्र  एक  जंगल  से  होकर  जा  रहे  थे  l   चारों  बहुत  विद्वान्  थे  और  उन्हें  अपनी  विद्व्ता  पर  बड़ा  घमंड  था   l  रास्ते  में  उन्होंने  देखा  कि   बहुत  सारी   हड्डियां  बिखरी  पड़ी  हैं  l   एक  मित्र  ने  कहा   मैं  विश्वास  के  साथ  कह  सकता  हूँ  कि   ये  एक  शेर  की  हड्डियां  हैं  l
  दूसरे  मित्र  ने  कहा  ---- मैं  इन  हड्डियों  को  जोड़कर  उन्हें  शेर  का  रूप  दे  सकता  हूँ  l   उसने  वैसा  ही  किया,     सब  हड्डियों  को  जोड़कर  शेर  का  ढांचा  बना  दिया   l
 तीसरा  मित्र  और  भी  ज्ञानी  था   l   उसने  कहा  --- मैं   इस   ढांचे  में  प्राण  फूँक   सकता  हूँ  ,  इसे  जीवित  कर  सकता  हूँ  l
 चौथे  मित्र  ने   उसे  बहुत  समझाया  कि   वह  ऐसा  न  करे  ,   अपनी  शक्ति  से  ज्यादा  ताकतवर  चीज  का  निर्माण  नहीं  करना  चाहिए  ,  वह  न  केवल  स्वयं  के  लिए  अपितु  सम्पूर्ण  समाज  के  लिए  घातक  होती  है  l   चलते - फिरते   लोगों  को ,   हँसते - खेलते   परिवारों  को  ,  निर्दोष  बच्चों  को   लाश  में  तब्दील  कर  देना ,  चारों  ओर   हाहाकार   मचवा  देना    बुद्धिमानी  नहीं  है  l   यदि  तुम्हारे  भीतर  ऐसी  योग्यता  है    तो  संसार  को  वह  सब  दो  जिससे  चारों   ओर   बच्चों  की  हंसी - खिलखिलाहट  गूंजे ,  लोगों  के  जीवन  में  उमंग  हो , खुशियां  हों  l   
  चौथे  मित्र  ने  उसकी  चेतना  को  जगाने  का  प्रयास  किया  और  कहा --- यह  शेर  जीवित  होकर  सबसे  पहले    तुम्हे  ( उसमे  प्राण  फूंकने  वाले )  को  ही  खायेगा   l 
  लेकिन  वह  नहीं  माना ,  कहते  हैं  ---' विनाशकाले  विपरीत  बुद्धि  '   और   उसने   अपने  ज्ञान  का   दुरूपयोग  करना   शुरू  किया  l 
   चौथा  मित्र  विवेकशील  था  ,  वह  दौड़कर  पेड़  पर  चढ़  गया   l   शेर   जीवित  हो  गया ,  वह  भूखा  था  उसने    तीनो  मित्रों  को  खा   लिया   l  

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