संसार में विपत्तियां हर समय किसी न किसी रूप में आती हैं --- बाढ़ , भूकंप , सुनामी , अकाल , आंधी , तूफान , विभिन्न बीमारियां जैसे --- टी. बी. एड्स , कैंसर , हृदय घात , महामारी आदि इन सब के कारण प्रतिदिन हजारों लोग मृत्यु के मुख में चले जाते हैं , इसके अतिरिक्त तनाव आदि विभिन्न कारणों से लोग आत्महत्या करते हैं , क्षेत्रीय युद्ध और आतंकवादी हमलों में अनेक लोग मारे जाते हैं l
कहने का तात्पर्य है कि मृत्यु के अनेक बहाने हैं लेकिन हमेशा मृत्यु के आंकड़ों के देखते रहने से , चारों ओर मृत्यु , महामारी , मंदी और बेरोजगारी की बात होने से सामान्य जन के मन में एक अनजाना भय समा जाता है , जीवन में निराशा आ जाती है l इस निराशा को दूर करने के लिए हम आँख खोलकर देखें कहीं न कहीं आशा है l संसार में एक ओर यदि मातम है तो दूसरी ओर कुछ व्यवसाय बड़ी तेजी से फल फूल रहे हैं l जो कम्पनियाँ और संगठन दवाएं बनाते हैं , चिकित्सा के विभिन्न उपकरण बनाते है उनकी मांग और बिक्री पूरे संसार में इतनी बढ़ गई कि वे तो अरबपति और खरबपति बन जायेंगे l इसके अतिरिक्त सेनेटाइजर आदि जिनका प्रयोग अभी तक समाज का एक विशेष वर्ग ही करता था , अब साधारण व्यक्ति भी इनसे परिचित हो गया l ऐसी ही अनेक वस्तुएं हैं जहाँ मांग और बिक्री बड़ी तेजी से बढ़ी है l इन सब क्षेत्रों में निश्चित रूप से रोजगार भी बढ़ेगा l
कहते हैं भय आधी मृत्यु है l जब मनुष्य भयभीत है तो उसे रस्सी भी सांप नजर आती है l इसलिए हम भय के भूत को भगाएं , इन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लिए जो अनुकूलतम है , उसे खोजे l
कहने का तात्पर्य है कि मृत्यु के अनेक बहाने हैं लेकिन हमेशा मृत्यु के आंकड़ों के देखते रहने से , चारों ओर मृत्यु , महामारी , मंदी और बेरोजगारी की बात होने से सामान्य जन के मन में एक अनजाना भय समा जाता है , जीवन में निराशा आ जाती है l इस निराशा को दूर करने के लिए हम आँख खोलकर देखें कहीं न कहीं आशा है l संसार में एक ओर यदि मातम है तो दूसरी ओर कुछ व्यवसाय बड़ी तेजी से फल फूल रहे हैं l जो कम्पनियाँ और संगठन दवाएं बनाते हैं , चिकित्सा के विभिन्न उपकरण बनाते है उनकी मांग और बिक्री पूरे संसार में इतनी बढ़ गई कि वे तो अरबपति और खरबपति बन जायेंगे l इसके अतिरिक्त सेनेटाइजर आदि जिनका प्रयोग अभी तक समाज का एक विशेष वर्ग ही करता था , अब साधारण व्यक्ति भी इनसे परिचित हो गया l ऐसी ही अनेक वस्तुएं हैं जहाँ मांग और बिक्री बड़ी तेजी से बढ़ी है l इन सब क्षेत्रों में निश्चित रूप से रोजगार भी बढ़ेगा l
कहते हैं भय आधी मृत्यु है l जब मनुष्य भयभीत है तो उसे रस्सी भी सांप नजर आती है l इसलिए हम भय के भूत को भगाएं , इन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लिए जो अनुकूलतम है , उसे खोजे l
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