16 April 2020

WISDOM ------ आशा की किरण

      संसार  में  विपत्तियां  हर  समय  किसी  न  किसी  रूप  में  आती  हैं  --- बाढ़ , भूकंप , सुनामी , अकाल ,  आंधी , तूफान ,  विभिन्न  बीमारियां  जैसे --- टी. बी.  एड्स , कैंसर , हृदय घात , महामारी   आदि  इन  सब  के  कारण  प्रतिदिन  हजारों  लोग  मृत्यु  के  मुख  में  चले  जाते  हैं  , इसके  अतिरिक्त  तनाव  आदि  विभिन्न  कारणों  से  लोग  आत्महत्या  करते   हैं  ,  क्षेत्रीय  युद्ध  और  आतंकवादी  हमलों  में  अनेक  लोग  मारे  जाते  हैं   l 
     कहने  का  तात्पर्य  है  कि   मृत्यु  के  अनेक  बहाने  हैं    लेकिन  हमेशा  मृत्यु  के  आंकड़ों  के  देखते   रहने  से  ,  चारों  ओर   मृत्यु  ,  महामारी , मंदी   और  बेरोजगारी    की  बात  होने  से  सामान्य  जन   के  मन  में  एक  अनजाना   भय   समा  जाता  है ,  जीवन  में  निराशा  आ  जाती  है   l   इस  निराशा    को  दूर  करने  के  लिए  हम  आँख  खोलकर  देखें  कहीं  न  कहीं  आशा  है  l   संसार  में  एक  ओर   यदि  मातम  है   तो  दूसरी  ओर   कुछ  व्यवसाय  बड़ी  तेजी  से  फल फूल  रहे  हैं  l   जो  कम्पनियाँ   और  संगठन  दवाएं  बनाते  हैं ,  चिकित्सा  के  विभिन्न  उपकरण  बनाते  है   उनकी  मांग  और  बिक्री  पूरे   संसार  में  इतनी  बढ़   गई  कि   वे  तो  अरबपति  और  खरबपति  बन  जायेंगे   l   इसके  अतिरिक्त  सेनेटाइजर  आदि  जिनका  प्रयोग  अभी  तक  समाज  का  एक  विशेष  वर्ग  ही  करता  था  ,  अब  साधारण  व्यक्ति  भी   इनसे  परिचित  हो  गया  l   ऐसी  ही  अनेक  वस्तुएं  हैं   जहाँ  मांग  और  बिक्री  बड़ी  तेजी  से  बढ़ी  है  l   इन  सब  क्षेत्रों  में   निश्चित  रूप  से  रोजगार  भी  बढ़ेगा  l
  कहते  हैं   भय   आधी  मृत्यु  है  l   जब  मनुष्य  भयभीत  है  तो  उसे  रस्सी  भी  सांप  नजर  आती  है  l   इसलिए  हम  भय   के  भूत  को  भगाएं  ,  इन  विपरीत  परिस्थितियों  में  भी  अपने  लिए  जो  अनुकूलतम  है   ,  उसे  खोजे  l  

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