आचार्य जी ने लिखा है कि -- गायत्री मन्त्र सद्बुद्धि दायक है और यह आत्मबल बढ़ाने का अचूक आध्यात्मिक व्यायाम है l
हमारे जीवन में 9 अंक बहुत महत्वपूर्ण है l आचार्य श्री ने गायत्री महाविज्ञान में लिखा है --- गायत्री मन्त्र को सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो इसमें 24 अक्षर हैं , और नौ ( 9 ) पदों की श्रंखला है l
गायत्री मन्त्र में एक प्रणव ( ॐ ) इसके तीन विभाग हैं --- भू: भुव: स्व:
नौ अक्षर व उनका तात्पर्य इस प्रकार हैं ---- 1. तत -- जीवन विज्ञान 2. सवितुः --- शक्ति संचय
3. वरेण्यं --- श्रेष्ठता 4. भर्गो ---- निर्मलता 5. देवस्य ---- दिव्य दृष्टि 6. धीमहि --- सद्गुण
7. धियो --- विवेक 8. यो न: ---- संयम 9. प्रचोदयात ----- सेवा
गायत्री गीता के अनुसार यज्ञोपवीत के नौ तार , इन्ही नौ गुणों को धारण करने का आदेश देते हैं जो नवरत्न के समान हैं l
विपरीत परिस्थितियों में लोग निराशा , भय , निरुत्साह व घबराहट से रोने - कलपने लगते हैं जिससे कष्ट और अधिक बढ़ जाते हैं l गायत्री मन्त्र का जप करने से मनुष्य की सद्बुद्धि जाग्रत होती है वह धैर्य , साहस और विवेक से संकट का सामना करता है और जीवन में सफल होता है l
हमारे धर्मशास्त्रों ने हमें जीवन जीने का रास्ता बता दिया और मनुष्य को चुनाव का अधिकार दिया है कि वह कौन सा रास्ता चुने l
हमारे जीवन में 9 अंक बहुत महत्वपूर्ण है l आचार्य श्री ने गायत्री महाविज्ञान में लिखा है --- गायत्री मन्त्र को सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो इसमें 24 अक्षर हैं , और नौ ( 9 ) पदों की श्रंखला है l
गायत्री मन्त्र में एक प्रणव ( ॐ ) इसके तीन विभाग हैं --- भू: भुव: स्व:
नौ अक्षर व उनका तात्पर्य इस प्रकार हैं ---- 1. तत -- जीवन विज्ञान 2. सवितुः --- शक्ति संचय
3. वरेण्यं --- श्रेष्ठता 4. भर्गो ---- निर्मलता 5. देवस्य ---- दिव्य दृष्टि 6. धीमहि --- सद्गुण
7. धियो --- विवेक 8. यो न: ---- संयम 9. प्रचोदयात ----- सेवा
गायत्री गीता के अनुसार यज्ञोपवीत के नौ तार , इन्ही नौ गुणों को धारण करने का आदेश देते हैं जो नवरत्न के समान हैं l
विपरीत परिस्थितियों में लोग निराशा , भय , निरुत्साह व घबराहट से रोने - कलपने लगते हैं जिससे कष्ट और अधिक बढ़ जाते हैं l गायत्री मन्त्र का जप करने से मनुष्य की सद्बुद्धि जाग्रत होती है वह धैर्य , साहस और विवेक से संकट का सामना करता है और जीवन में सफल होता है l
हमारे धर्मशास्त्रों ने हमें जीवन जीने का रास्ता बता दिया और मनुष्य को चुनाव का अधिकार दिया है कि वह कौन सा रास्ता चुने l
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