3 April 2020

WISDOM ---- आज सद्बुद्धि की सबसे अधिक आवश्यकता है

  सद्बुद्धि  के  अभाव  में  मनुष्य  वह  कार्य  करने  लगता  है  जो  उसे  नहीं  करने  चाहिए  l  कवि   ने  कहा  भी  है --- ' जब  नाश  मनुज  पर  छाता   है , पहले  विवेक  मर जाता  है  l '
हम  इतिहास  उठाकर  देखें  तो  ज्ञात  होता  है  कितनी  सभ्यताएं ,  कितनी  जाति ,  प्रजातियां  विलुप्त  हो  गईं  l   इन  सबके  पीछे  मनुष्य  की  दुर्बुद्धि  ही  रही  होगी   कि   वह  प्रकृति  के  संकेतों  को  नहीं  समझ  सका ,  स्वयं  को  ईश्वर  से  भी  बड़ा  समझा  l
   मनुष्य  में  इतना  अहंकार  है  कि   वह  कुछ  समझना  ही  नहीं  चाहता  l   महाभारत  में  प्रसंग  है  ---- स्वयं  भगवान   कृष्ण  दुर्योधन  को  समझाने   गए   कि  तुम   पांडवों  को  केवल  पांच  गाँव  दे  दो  l  लेकिन  वह  नहीं  माना  और  कहने  लगा   कि   मैं  सुई  की  नोक  बराबर  भूमि  भी  नहीं  दूंगा  l  अहंकार  इतना  बढ़ा  कि   भगवान   को  ही  बाँधने  चला  l  उसके  इस  अहंकार   ने   पूरे   कौरव  वंश  का  अंत  कर  दिया  l
  मनुष्य  कितना  ही  संपन्न  और  कितना  ही  शक्तिशाली  क्यों  न  हो  जाये  ,  यह  सद्बुद्धि  उसे  तभी  मिलेगी  जब  वह  अपने  अहंकार  को  मिटाएगा ,  सेवा  और  सत्कर्म  करेगा  l
हम  अपने  अहंकार  को  छोड़ें  और  ईश्वर  से  सद्बुद्धि  के  लिए  प्रार्थना  करें  l 

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