दो पड़ोसी राजा थे , दोनों ही सत्यनिष्ठ और माता भगवती के उपासक थे l एक दिन दोनों में इस विषय पर बहस छिड़ गई कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली कौन ?
कुछ निर्णय न होता देख दोनों ऋषि सुक्षीण के पास पहुंचे l ऋषि ने दोनों का सत्कार किया और उनकी जिज्ञासा सुनी l उनका प्रश्न सुनकर ऋषि बोले ---- " राजन ! दुनिया में सबसे शक्तिशाली और सबसे कमजोर ' मन ' ही है l जिसका अपने मन पर सम्पूर्ण अधिकार हो जाता है , उसके आगे शक्ति - सामर्थ्य के सारे मार्ग खुल जाते हैं और जो अपने मन को ही काबू में नहीं कर पाता वो दीन - दुर्बल और असहाय बना रहता l "
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है ---- प्रकृति की छाँव में रहने वाले जानवर कभी बीमार नहीं पड़ते , लेकिन आदमी बीमार पड़ता है और उसके साथ रहने वाले जानवर भी बीमार पड़ते हैं l
वे कहते हैं --- अस्पताल में टी. बी. के मरीजों के कपड़े धोने वाले सब धोबियों को यह बीमारी होती ही नहीं l तब वायरस कहाँ चले जाते हैं ?
आचार्य श्री अपने उद्बोधन में कहते हैं ---- ' ये सारे कीटाणु असंयम से आते हैं l मनुष्य अपनी जीभ की नोंक से अपनी कब्र तैयार करता है l मनुष्य संयम - नियम का पालन न कर के अपनी ऊर्जा गंवाता है l प्रतिरोधक शक्ति न होने से वायरस व कीटाणु उसको जकड़ लेते हैं l भीष्म पितामह , श्रीहनुमानजी , स्वामी दयानन्द सरस्वती आदि अनेकों महापुरुषों ने संयम से ही शक्ति प्राप्त की और महान कार्य किये l
कुछ निर्णय न होता देख दोनों ऋषि सुक्षीण के पास पहुंचे l ऋषि ने दोनों का सत्कार किया और उनकी जिज्ञासा सुनी l उनका प्रश्न सुनकर ऋषि बोले ---- " राजन ! दुनिया में सबसे शक्तिशाली और सबसे कमजोर ' मन ' ही है l जिसका अपने मन पर सम्पूर्ण अधिकार हो जाता है , उसके आगे शक्ति - सामर्थ्य के सारे मार्ग खुल जाते हैं और जो अपने मन को ही काबू में नहीं कर पाता वो दीन - दुर्बल और असहाय बना रहता l "
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है ---- प्रकृति की छाँव में रहने वाले जानवर कभी बीमार नहीं पड़ते , लेकिन आदमी बीमार पड़ता है और उसके साथ रहने वाले जानवर भी बीमार पड़ते हैं l
वे कहते हैं --- अस्पताल में टी. बी. के मरीजों के कपड़े धोने वाले सब धोबियों को यह बीमारी होती ही नहीं l तब वायरस कहाँ चले जाते हैं ?
आचार्य श्री अपने उद्बोधन में कहते हैं ---- ' ये सारे कीटाणु असंयम से आते हैं l मनुष्य अपनी जीभ की नोंक से अपनी कब्र तैयार करता है l मनुष्य संयम - नियम का पालन न कर के अपनी ऊर्जा गंवाता है l प्रतिरोधक शक्ति न होने से वायरस व कीटाणु उसको जकड़ लेते हैं l भीष्म पितामह , श्रीहनुमानजी , स्वामी दयानन्द सरस्वती आदि अनेकों महापुरुषों ने संयम से ही शक्ति प्राप्त की और महान कार्य किये l
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