कमजोर पर सब अत्याचार करते हैं , फिर चाहे वह महामारी ही क्यों न हो l इसकी दादागर्दी के आगे सभी बीमारियों ने घुटने टेक दिए , भेदभाव मिट गए सब एक हो गईं l मनुष्य के लिए शिक्षा है कि वह भी जाति , धर्म , नस्ल , अमीर - गरीब के सारे भेदभाव भूलकर एक हो जाये और हर विपत्ति का संगठित होकर मुकाबला करे l
मनुष्य अपने जीवन में जो भी कार्य करता है , सुख - दुःख , हानि - लाभ जो भी सहन करना है वह सब इसी शरीर से संभव है l यदि हम स्वस्थ नहीं हैं तो हमारे पास संसार के सारे सुख हों तब भी हम उनका उपभोग नहीं कर पाएंगे l जीवन में कृत्रिमता का अंश घुल जाने से मनुष्य बीमारियों से घिरता जा रहा है l मनुष्य का आहार - विहार भी प्राकृतिक नहीं रहा l खेतों में रासायनिक खादें डालने , कीटनाशक से लेकर , फल , सब्जी आदि की उपज बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने आदि में जिन रसायनों का प्रयोग होता है वह सब किसी न किसी रूप में हमारे शरीर में जाते हैं l एक ओर बाहरी प्रदूषण और दूसरी ओर खाद्य पदार्थों के साथ शरीर में जाने वाला ये जहर l इन दोनों ने मिलकर मनुष्य की प्रतिरोधक शक्ति को कम कर दिया है l स्वास्थ्य संबंधी सभी नियमों का पालन करने वाले भी किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हो जाता है l
स्वस्थ रहने का एक ही तरीका है --- प्रकृति की ओर लौट चलो l
मनुष्य अपने जीवन में जो भी कार्य करता है , सुख - दुःख , हानि - लाभ जो भी सहन करना है वह सब इसी शरीर से संभव है l यदि हम स्वस्थ नहीं हैं तो हमारे पास संसार के सारे सुख हों तब भी हम उनका उपभोग नहीं कर पाएंगे l जीवन में कृत्रिमता का अंश घुल जाने से मनुष्य बीमारियों से घिरता जा रहा है l मनुष्य का आहार - विहार भी प्राकृतिक नहीं रहा l खेतों में रासायनिक खादें डालने , कीटनाशक से लेकर , फल , सब्जी आदि की उपज बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने आदि में जिन रसायनों का प्रयोग होता है वह सब किसी न किसी रूप में हमारे शरीर में जाते हैं l एक ओर बाहरी प्रदूषण और दूसरी ओर खाद्य पदार्थों के साथ शरीर में जाने वाला ये जहर l इन दोनों ने मिलकर मनुष्य की प्रतिरोधक शक्ति को कम कर दिया है l स्वास्थ्य संबंधी सभी नियमों का पालन करने वाले भी किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हो जाता है l
स्वस्थ रहने का एक ही तरीका है --- प्रकृति की ओर लौट चलो l
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