12 July 2020

WISDOM -----

  मनुष्य  स्वयं   जाने - अनजाने  में   अपने  को  मारने  का  प्रयास  कर  रहा  है  l   कुछ  समय  पूर्व  बीमारियाँ   गंदगी  और  कुपोषण  की  वजह  से  होती  थीं  l   हैजा  आदि  से  कई  गाँव , शहर  समाप्त  हो  जाते  थे  l   आज  संसार  में  जो  भी  समस्या  है   उसके  मूल  में  कारण  विज्ञान   है  l कहते  हैं  ज्योतिषी  किसी  का  भाग्य  देखते  हैं  ,   यदि  कुछ  अशुभ  होता  है  , तो  वे  उसे  बताते  नहीं ,  अपने  मन  में  रखते  हैं  l
 यही  बात  वैज्ञानिक  आविष्कारों  पर  लागू  हो  तो   मनुष्य  सुख - शांति  से  जी  सकता  है  l
  वैज्ञानिक  अच्छी  तरह  जानते  हैं  कि  कौन  सी  तकनीक    वायुमंडल  को  प्रदूषित  कर  देगी  ,  उससे  निकलने  वाली  अदृश्य  रेडिएशन   मनुष्यों  के  अस्तित्व  के  लिए  खतरनाक  हैं  l   कौनसे  खाद , बीज , कीटनाशक  जमीन   को  बंजर  कर  देंगे ,   परमाणु - शक्ति   पशु - पक्षी , वनस्पति , मानव  सभी  के  लिए  हानिकारक  हैं  ,  तो  ज्योतिषियों  की  भांति  यह  ज्ञान  उन्हें  अपने  हृदय  में  ही  रखना  चाहिए  l   इस  संसार  में  भांति - भांति  के  लोग  हैं  l   कुछ  लोग  बहुत  महत्वकांक्षी  होते  हैं  ,  वे  वैज्ञानिकों  के  इस  ज्ञान  को  खरीद कर  , उसका  उपयोग  अपनी  महत्वाकांक्षा  की  पूर्ति  के  लिए  करते  हैं   l
 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है  ---- ' महत्वाकांक्षा  विकृत  होकर  घृणित   रूप  ले  लेती  है  l '
     इस  संसार  में  प्रत्येक  व्यक्ति  चाहे  अमीर   हो  या  गरीब , बीमार  हो  या  स्वस्थ , वृद्ध  हो  या  युवा  ,  किसी  भी  जाति , किसी  भी  धर्म  का  हो  सब  जीना  चाहते  हैं   और  सभी   अपने  हिसाब  से  अपने  जीवन  की  रक्षा  करते  हैं  l   पशु - पक्षी  भी  अपनी  रक्षा  करना  जानते  हैं  ,  उन्हें  किसी  के  आदेश  की  ,  किसी  से  कुछ  सीखने  की  आवश्यकता  नहीं  होती   l
 अध्यात्म  में  कोई  रूचि  और  विश्वास  न  होने  के  कारण   ऐसे    महत्वाकांक्षी     व्यक्ति  अपनी  शक्ति , धन  और  बुद्धि  का  उपयोग    लोगों  पर  अपनी  हुकूमत  कायम  करने  के  लिए  करते  हैं  l   ईश्वरीय  सत्ता  को  नकार  कर  प्रकृति  को  भी  अपने  ढंग  से  चलाना   चाहते  हैं  l   इसी  का  दुष्परिणाम  हम  संसार  में  विभिन्न  आपदाओं  के  रूप  में  देखते  हैं   l   जब    तक  बुद्धिजीवी   , विचारशील  वर्ग    आधुनिक  तकनीकी   के  दुष्परिणामों  के  प्रति  जागरूक  नहीं  होगा   , संसार  इसी  तरह  अपनी  मृत्यु ,  आत्महत्या ,  पागलपन ,  तनाव  और  घातक  बीमारियों  के  साधन   जुटाता  रहेगा  l 

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