व्यक्ति कोई भी काम चाहे अच्छा हो या बुरा एक लम्बे समय तक करता है तो वह उसकी आदत बन जाती है और यह आदत ही उसकी पहचान बन जाती है l एक कथा है ---- एक सेठ था , उसका व्यापार दूर - दूर तक फैला था l गाँव के लोग उससे बहुत धन उधार लेते थे , इस वजह से वह उन पर दबाव बनाकर रखता था और सीधे - सादे ग्रामीणों पर अत्याचार भी बहुत करता था l गाँव के लोग बहुत दुःखी थे l जब आपस में बात करते तो उसके लिए ' कसाई ' शब्द का इस्तेमाल करते l उनका वार्तालाप सुनकर बच्चे भी उसे ' कसाई ' कहने लगे l सब उससे डरते भी थे l एक दिन जब वह गांव में भ्रमण के लिए निकला तो छोटे - छोटे बच्चे उसे देखकर चिल्लाकर भागे कि 'कसाई ' आ गया l सेठ ने बच्चों से तो कुछ कहा नहीं , लेकिन उसे बहुत बुरा लगा l
वह अपने आपको अच्छा सिद्ध करना चाहता था l उसने अन्य गांवों के अमीरों के साथ मिलकर एक संस्था बना ली और सब गांवों में यह बात लोगों को समझा दी कि अब वह संस्था सब गांवों की समस्या हल करेगी , जरुरत पड़ने पर धन भी उधार देगी l
अब उस सेठ ने अपने गांव में स्कूल , अस्पताल खुलवा दिए , पानी आदि की व्यवस्था करा दी l अब गांव में उसकी तारीफ होने लगी , सब उसे सम्मान देने लगे l पुरानी बातें भूल गए l लेकिन गांव में अत्याचार , अपराध बहुत बढ़ गए , जनता त्रस्त थी l उस गांव का एक युवक शहर से अध्ययन समाप्त कर लौटा तो उसने देखा कि गांव में बहुत सन्नाटा है , लोग भयभीत हैं l उसने अन्य युवकों के साथ मिलकर सब पता किया तो समझ में आया कि संस्था का तो केवल नाम है , उसी सेठ की मनमानी चलती है और संस्था की आड़ में वह और अत्याचार करता है l अब गांव वालों को समझ में आया कि अच्छे होने का दिखावा करने से कोई अच्छा नहीं होता , बुरी आदत छूटती नहीं , मौका मिलने पर और बढ़ जाती है l अब सब गांवों के लोग उसके विरुद्ध संगठित हो गए , तब उन्हें उसके जाल से मुक्ति मिली l
वह अपने आपको अच्छा सिद्ध करना चाहता था l उसने अन्य गांवों के अमीरों के साथ मिलकर एक संस्था बना ली और सब गांवों में यह बात लोगों को समझा दी कि अब वह संस्था सब गांवों की समस्या हल करेगी , जरुरत पड़ने पर धन भी उधार देगी l
अब उस सेठ ने अपने गांव में स्कूल , अस्पताल खुलवा दिए , पानी आदि की व्यवस्था करा दी l अब गांव में उसकी तारीफ होने लगी , सब उसे सम्मान देने लगे l पुरानी बातें भूल गए l लेकिन गांव में अत्याचार , अपराध बहुत बढ़ गए , जनता त्रस्त थी l उस गांव का एक युवक शहर से अध्ययन समाप्त कर लौटा तो उसने देखा कि गांव में बहुत सन्नाटा है , लोग भयभीत हैं l उसने अन्य युवकों के साथ मिलकर सब पता किया तो समझ में आया कि संस्था का तो केवल नाम है , उसी सेठ की मनमानी चलती है और संस्था की आड़ में वह और अत्याचार करता है l अब गांव वालों को समझ में आया कि अच्छे होने का दिखावा करने से कोई अच्छा नहीं होता , बुरी आदत छूटती नहीं , मौका मिलने पर और बढ़ जाती है l अब सब गांवों के लोग उसके विरुद्ध संगठित हो गए , तब उन्हें उसके जाल से मुक्ति मिली l
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