किसी का मूल्यांकन उसके बहिरंग रूप से नहीं , वरन उसकी संस्कार निधि द्वारा किया जाना चाहिए l वास्तव में सुन्दर तो वही है जो दूसरों और स्वयं के प्रति अच्छी भावनाएं रखे l सुंदरता का संबंध व्यक्तित्व की चमक से है और यह तभी पैदा होती है जब व्यक्ति के भाव , विचार व व्यवहार अच्छे हों l मैक्सिको सिटी में पैदा हुई अश्वेत लुपिटा न्योंगो को हॉलीवुड फिल्म ' 12 इयर्स ए स्लेव ' में बेहतरीन अदाकारी के लिए सर्वश्रेष्ठ सह - अभिनेत्री का पुरस्कार मिला l पुरस्कार मिलने के उपरांत उसे एक पत्र मिला , जिसमे कुछ इस प्रकार लिखा था --- ' प्रिय लुपिटा , तुम बहुत किस्मत वाली हो l तुम अश्वेत हो , यानि तुम्हारा रंग काला है , फिर भी तुम्हे इतनी शोहरत और सफलता मिली l मैं बाहरी सौंदर्य को बढ़ाने के प्रयास में लगती , उससे पहले तुम्हे मिली सफलता ने मुझे यह एहसास कराया कि सुंदरता बाहर की नहीं , अंदर की होनी चाहिए l ' पत्र लिखने वाली लड़की भी अश्वेत थी और उसे लगता था कि काले रंग वाली लड़कियों को सफलता नहीं मिल सकती l शरीर की सुंदरता पार्थिव है यह सुंदरता उम्र बढ़ने के साथ - साथ अधिक दिनों तक टिकी नहीं रह सकती l केवल व्यक्ति के अच्छे कार्य ही होते हैं , जो पुण्य रूप में संचित होकर उसके ओज को बढ़ाते हैं और उसे आकर्षक बनाते हैं l
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