पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ----- ' शत्रु से सतर्कता ही शूरवीरों को संसार में बड़े - बड़े काम करने के लिए सुरक्षित रखा करती है l ' आचार्य श्री लिखते हैं --- " साहसी शत्रु की अपेक्षा कायर शत्रु से अधिक सतर्क एवं सावधान रहने की जरुरत है क्योंकि कायर की जब वीर से विसाती नहीं तब वह कुटिलता पर उतर आता है l लोभी और दुष्ट , इन दो के लिए संसार में कोई भी घात अकरणीय नहीं होती l "
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