रामकृष्ण परमहंस ने अपनी साधना से माँ काली का साक्षात्कार कर लिया था l इस रहस्य का पता जब उनके भांजे हृदय को चला तो वह बहुत खुश हुआ और बोला ----- " हम दक्षिणेश्वर से भाग चलें और ऐसी जगह चलें जहाँ हमें कोई न जानता हो l वहां हम आपकी काली माँ से करोड़ों रूपये मांगेंगे और भोग - विलास करेंगे l " रामकृष्ण परमहंस का सरल हृदय इस बात से बहुत दुःखी हुआ l उनकी यह व्यथा तब उजागर हुई जब स्वामी विवेकानंद ने उनसे कहा कि ठाकुर , हमें ईश्वर के दर्शन करा दो l रामकृष्ण परमहंस ने कहा ----- ' नरेंद्र ! इस संसार में भगवान को कौन चाहता है ? कौन अपना आंतरिक परिष्कार करना चाहता है ? सभी उसके भौतिक ऐश्वर्य का लाभ लेना चाहते हैं l उसे कोई नहीं चाहता l "
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