पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- " किसी भी देश के स्वाधीनता आंदोलन में उचित मार्ग चुनने का भी बड़ा महत्व है l यदि ऐसा न किया जाए तो प्रकट में बड़ा परिश्रम , त्याग , कष्ट सहन करते हुए भी हम अपनी शक्ति को बर्बाद करते रहते हैं और प्रगति मार्ग पर बहुत ही कम अग्रसर हो पाते हैं l सभी राजनीतिक कार्यकर्ता अपने - अपने रास्ते को सही और प्रभावशाली बतलाते हैं पर लेनिन के समान व्यक्ति समस्त राष्ट्र में दो - चार ही होते हैं जो समय की गति को बिलकुल ठीक समझ सकते हैं और उसके अनुकूल विधान बना सकते हैं l हमारे देश में महात्मा गाँधी इसी श्रेणी में थे और इसलिए उन्होंने असंभव को संभव कर के दिखा दिया l
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