पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है ---- " सच्ची राजनीति वही है जिसमे दुष्टों के दमन के साथ - साथ शिष्टों के रक्षण और पालन का पूरा -पूरा ध्यान रखा जाए l ' महात्मा ईसा ने भी लिखा है ---- जो तलवार की धार पर रहते हैं ,उनका अंत भी तलवार से ही होता है l " समर्थ गुरु रामदास ने अपने अनुयायिओं को उस राजनीति की शिक्षा दी जो विवेक , सूझबूझ और सावधानी पर आधारित होती है l उनका कहना था कि ---- ' सांसारिक व्यवहार में भी हमको अकारण किसी का अहित नहीं करना चाहिए , यथासंभव समझौते तथा मेलमिलाप की नीति से ही काम लेना चाहिए l लड़ना तभी चाहिए जब कोई नीच या स्वार्थी व्यक्ति दुष्टता करने पर उतारू हो l " श्री समर्थ के सभी विचार उनके ग्रन्थ ' दासबोध ' में हैं , उनका कहना था ---- " हमें दूसरों के मन की बात को समझना चाहिए l सदैव किसी के अवगुणो को कहते रहना अच्छा काम नहीं है l छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसी नीति पर चलकर महाराष्ट्र में अद्भुत एकता और संगठन शक्ति उत्पन्न कर दी और औरंगजेब जैसे साम्राज्यवादी के छक्के छुड़ा दिए l
No comments:
Post a Comment