5 June 2021

WISDOM -------

   स्वस्थ  रहने  के  लिए  जरुरी  है  कि   हमारा  पर्यावरण   शुद्ध  हो , स्वस्थ  हो   लेकिन  अच्छे  स्वास्थ्य  के  साथ  हमारा  जीवन   तनाव रहित  और  शांतिपूर्ण  हो  ,  जीवन  में  आनंद  हो   , इसके  लिए  जरुरी  है  कि   वह  पर्यावरण  भी   पवित्र  हो  जो  हमारे   मन ,  हमारे  विचार  और  हमारे  क्रिया - कलाप  से  उठने  वाली  तरंगों  से  बनता  है   l   यदि  मनुष्य  अपने  स्वाद  के  लिए  मूक  प्राणियों  का  वध  करता  है  ,  धन  के  लालच  में  मजबूर  लोगों  के  अंग  बेचता  है  ,  अपनी  मानसिक  विकृतियों  को  पूरा  करने  के  लिए  बच्चों  पर  अत्याचार  करता  है  ,  अपनी  ताकत  के  बल  पर  कमजोर  को  सताता  है   तो  उन  सबके  मन  से  उठने  वाली  आहें  , चीत्कार    से  पूरा  वातावरण  नकारात्मक  हो  जाता  है   l   यही  नकारात्मकता  लोगों  का  सुख - चैन  छीन  लेती  है  l   पाप  करने  वाला  ,  ऐसे  जघन्य  कार्य  कराने   वाला   और  उसे   देखकर  भी  अनदेखा  करने  वाला    ,  सभी   पर  प्रकृति  का  दंड विधान  लागू   होता  है   l   गेंहू  के  साथ  घुन  भी   पिसता   है   , इसलिए  प्रकृति  सामूहिक  दंड  भी  देती  है   l    ईश्वर  ने  मनुष्य  को  चयन  की  स्वतंत्रता  दी  है  ---- सन्मार्ग  पर  चलकर  सुख - शांति  का  जीवन  जिएं   ,  अपनी  चेतना  के  स्तर  को  ऊँचा  उठाएं     या     गलत  मार्ग  पर  चलकर   पशु  और  राक्षस  से  भी  बदतर  श्रेणी  में  चले  जाएँ     l     हम  सद्बुद्धि  के  लिए  ईश्वर  से  प्रार्थना  करें  ,  जिससे  हम  सही  दिशा  का  चुनाव  कर  सकें   l 

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