5 August 2021

WISDOM ------

     सोमनाथ  लूटकर  महमूद  गजनवी  लौट  रहा  था  तो  मार्ग  में   राजपूतों  की  एक  टुकड़ी  से  मुकाबला  करना  पड़ा  l   उसकी  विशाल  सेना  के  सामने   मात्र  सौ -सवा  सौ   रणबाँकुरे   खड़े  थे   l  गजनवी  हँस   पड़ा  ,  बोला  ---- " इन  बेवकूफों  को  समझाओ  l   क्यों  जान  देते  हो  l "  घुड़सवारों  का  नेतृत्व  एक  अस्सी  साल  के  वृद्ध  कर  रहे  थे   l   वे  बोले  --- " बादशाह  !  हम  राजपूत  मृत्यु  से  कभी  नहीं  डरते  l   हमारी  निगाह  में  तुम  एक  लुटेरे  हो   l   भारत  विजेता  कहकर  हमारा  अपमान   न  करो   l   जब  तक  इस  धरती  पर  एक  भी  राजपूत  जीवित  है  ,  तब  तक  भारत  विजय  का  स्वप्न  भी  मत  देखना   l  "  युद्ध  छिड़  गया  l   उस  छोटे  से  समूह  ने  वह  कौशल  दिखाया    कि   एक  -  एक  ने  दस - दस  को  मार   गिराया   l   गजनवी  की  सेना  को  पसीना  आ  गया  l   पर  वे  कब  तक  टिकते  l   सभी  वीरगति  को  प्राप्त  हुए   l  महमूद  गजनवी  अपने  सेनापति  से  बोलै  ---- " तुम  ठीक  कहते  हो   l   इस  देश  में  बल  से  कुछ  प्राप्त  नहीं  किया  जा  सकता  l   इसे  मात्र  छल  से  ही  हराया  जा  सकता  है  l   गजब  के  हैं  ये  लोग  l  "     हमारी   आपसी  फूट   और  जागरूकता  की  कमी   ने  ही  देश  को  युगों  की  गुलामी  दी  ------ 

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