महाभारत में धर्मराज युधिष्ठिर से यक्ष ने कई प्रश्न पूछे , उनमे एक प्रश्न था ---- ' इस संसार का परम आश्चर्य क्या है ? ' युधिष्ठिर ने उत्तर दिया --- " सबसे बड़ा आश्चर्य है कि मृत्यु को सुनिश्चित घटना के रूप में देखकर भी मनुष्य इसे अनदेखा करता है l यह मृत्यु की नहीं , जीवन की तैयारी कुछ इस ढंग से करता है , जैसे विश्वास हो कि वह कभी नहीं मरेगा l उसे सदा - सदा जीवित रहना है l " लोग सोचते हैं कि मृत्यु का कारण कोई रोग या दुर्घटना है l यदि उसका समाधान निकल लिया जाये तो मृत्यु से बचा जा सकता है लेकिन ' मौत के अनेक बहाने होते हैं और जीवन रक्षा के अनेक सहारे होते हैं l " आचार्य श्री लिखते हैं ---- हमें मृत्यु को निश्चित मानकर , जीवन को सार्थक करने का प्रयास करना चाहिए l '
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