28 November 2022

WISDOM ---

   श्रीमद् भगवद्गीता   में  भगवान  कहते  हैं --- मेरे  भक्त  का  कभी  नाश  नहीं  होता  l किसी  भी  स्थिति  में  उसका  कोई  अहित  नहीं  होता  l  मैं  सदा  उसके  साथ  रहता  हूँ  l  जो  सच्चे  ईश्वर  भक्त  हैं  उनके  मन  में  सतत  विश्वास  रहता  है   कि  जब  प्रभु  साथ  हैं  तो  कुछ  भी  अन्यथा  नहीं  होगा  l  एक  कथा  है ---- एक  सेठ जी  थे  , ईश्वर विश्वासी  थे  l  ईमानदारी  से   व्यापार    करते  और   और  काम  करने  के  साथ  मन  में  निरंतर  भगवान  का  नाम स्मरण  करते  l  उनके  रुई  के  कई  गोदाम  थे  l  एक  दिन  उनका  मुनीम   अचानक  दौड़ता  हुआ  उनके  कक्ष  में  पहुंचा   और  बोला --- " सेठ जी  ! बड़ी  बुरी  खबर  है  l  तार  आया  है  कि  हमारे  गोदामों  में  आग  लग  गई  , संभवतः  लाखों  का  नुकसान   हो  गया  हो  l "  यह  सुनकर  सेठ जी  जरा  भी  विचलित  नहीं  हुए    और  बोले --- " जैसी  प्रभु  की  इच्छा  , वैसा  ही  होगा  l "  मुनीम  को  ऐसा  देखकर  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  l  l  एक  घंटे  बाद  मुनीम   फिर  से  सेठजी  के  कमरे  में  दौड़ा  आया   और  बोला --- " सेठ जी  !  अभी -अभी  खुशखबरी  आई  है  l  हमारे  सारे  गोदाम  सुरक्षित  हैं  l  पहला  वाला  तार  हमें  गलती  से  मिल  गया  था  l  सेठजी  ने  फिर  वही  शांत  भाव  से  उत्तर  दिया --- " जैसी  प्रभु  की  इच्छा  होती  है  , वैसा  ही  होता  है  l " मुनीम  को  समझ  में  आ  गया   जो  सब  कुछ  ईश्वर  की  इच्छा  मानकर  उन  पर  छोड़  देते  हैं वे   मन:स्थिति  में  शांत  रहते  हैं   l  

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