संसार में अनेक जाति , अनेक धर्म और अनेक संस्कृतियाँ हैं और आज सभी अपने अस्तित्व के लिए प्रयत्नशील हैं l संसार की अनेक सभ्यता , संस्कृति समय के साथ काल के गाल में समां गईं लेकिन भारतीय संस्कृति अभी तक जीवित है l इसे नष्ट करने के अनेकों प्रयास किए गए लेकिन हमारे पास नैतिक बल था , श्रेष्ठ चरित्र था इसलिए यह संस्कृति जीवित रही लेकिन अब प्रचार -प्रसार के साधनों के कारण आसुरी तत्वों को इस देश के चरित्र पर आक्रमण करने का सुनहरा मौका मिल गया l ये आसुरी तत्व संसार में कहीं भी हो सकते हैं जो अच्छाई को बर्दाश्त नहीं करते और मनुष्य की मानसिक कमजोरियों जैसे लोभ , लालच , तृष्णा , महत्वकांक्षा, कामना आदि का सहारा लेकर उसके नैतिक बल को कम कर देते हैं l जागरूक रहकर ही अस्तित्व की रक्षा संभव है , भगवान बार -बार अवतार नहीं लेते l
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