एक चोर संत नानक के पास पहुंचा और अपनी चोरी की बुरी आदत से छुटकारा पाने का उपाय पूछा l नानक ने जोई उपाय बताये वे उससे निभते न थे l एक के बाद एक उपाय बदलते -बदलते जब बहुत दिन बीत गए और किसी से भी वह आदत न छूटी तब उन्होंने चोर से कहा कि तुम अपने पाप सबके सामने प्रकट करने लगो l चोर का बार -बार आना और पूछना समाप्त हो गया l पाप प्रकट करने से उसे लज्जा आती थी , सो उसने चोरी करना ही बंद कर दिया l
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